ब्रिटेन: सरकार के सलाहकारों ने कहा- तीसरी खुराक से मिल रही है लोगों को बेहतर सुरक्षा

तीसरी खुराक से मिल रही है लोगों को बेहतर सुरक्षा

Update: 2022-01-08 15:12 GMT
ब्रिटेन (Britain) में लोगों को कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की चौथी डोज (Vaccine Fourth Dose) नहीं लगाने की सिफारिश की गई है. ब्रिटिश सरकार के सलाहकारों ने नर्सिंग होम में रहने वाले लोगों और 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की चौथी डोज नहीं देने की सिफारिश की है. उन्होंने डाटा का हवाला देते हुए कहा है कि वैक्सीन की तीसरी डोज अस्पताल में भर्ती होने से स्थायी सुरक्षा प्रदान करता है. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी द्वारा इकट्ठा आंकड़ों के अनुसार, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए तीसरी डोज के तीन महीने बाद अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा लगभग 90 फीसदी रहती है.
वैक्सीनेशन और इम्यूनाइजेशन की संयुक्त समिति ने शुक्रवार को सरकार को सलाह दी कि इस समय कमजोर लोगों को चौथी डोज या दूसरी बूस्टर डोज देने की कोई जरूरत नहीं है. इसके बजाय, सरकार को अधिक से अधिक लोगों को तीसरी डोज देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा को बढ़ाया जा सके. ब्रिटेन में वयस्कों को बूस्टर डोज देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि रिसर्च से पता चलता है कि लोगों को ओमिक्रॉन से बचाने के लिए दो डोज काफी हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है.
अस्पताल में भर्ती हैं 18 हजार मरीज
समिति के अध्यक्ष प्रो. वेई शेन लिम ने कहा, मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि बूस्टर डोज गंभीर बीमारी के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान कर रही है, यहां तक ​​कि सबसे कमजोर आयु वर्ग के लिए भी. प्रोफेसर ने कहा, इसे देखते हुए समिति ने फैसला किया है कि दूसरी बूस्टर डोज देने की शुरुआत करने की तत्काल जरूरत नहीं है, हालांकि इसकी समीक्षा जारी रहेगी. ब्रिटेन में वर्तमान में कोविड संक्रमित 18 हजार से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं. दो हफ्ते पहले के आंकड़ों की तुलना में ये दो गुना है. मेडिकल स्टाफ की कमी के चलते सरकार को सैनिकों को अस्पतालों में मदद के लिए तैनात करना पड़ा है.
अस्पतालों में हुई सैनिकों की तैनाती
एनएसए इंग्लैंड के मुताबिक, दो जनवरी से 39 हजार स्टाफ मेंबर्स इंग्लैंड के अस्पतालों से कोविड की वजह से ऑफ पर थे. राजधानी लंदन के कई अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए वहां मदद के लिए सैनिकों को तैनात किया गया. दरअसल, कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर ब्रिटेन में कोविड-19 के मामलों में हो रही वृद्धि के कारण लंदन के कई अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो गए हैं. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि लंदन के कई अस्पतालों में सेना के 40 चिकित्सकों और 160 स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया जा रहा है.
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