रूसी मिसाइल हमले में मारी गई ब्राजीलियाई मॉडल, स्‍नाइपर बन दुश्‍मन का कर रही थीं सफाया

खारकीव हालांकि रूस के सीधे हमले में नहीं है लेकिन इसके बॉर्डर पर लगातार बमबारी होती रहती है।

Update: 2022-07-07 08:59 GMT

कीव: रूस और यूक्रेन के युद्ध में ब्राजील की मॉडल की मौत की खबरें हैं। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 39 साल की ब्राजीलियन मॉडल थालिटा डो वाले की मौत बंकर में आग लगने की वजह से हो गई है। थालिटा के परिवार की तरफ से भी इस बात की पुष्टि कर दी गई है। उनके परिवार की मानें तो दम घुटने की वजह से उनकी जान चली गई है। आपको बता दें कि फरवरी माह में रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई थी और पांच माह भी बाद भी थमती हुई नजर नहीं आ रही है। थालिटा ने इससे पहले इराक में आईएसआईएस के खिलाफ भी मोर्चा संभाला था। यूक्रेन के साथ जंग में वो एक स्‍नाइपर के तौर पर मोर्चे पर डटी हुई थीं।

दोस्‍त ने भी गंवाई जान
थालिटा की मौत की खबरों ने उनके परिवार को तोड़ दिया है। उनका परिवार इस समय सदमे में है। थालिटा के बंकर में आग लग गई थी और वो बंकर में फंस गई थीं। रूस की तरफ से हुई रॉकेट स्‍ट्राइक की वजह से बंकर में आग लग गई थी। रूस ने 30 जून को खारकीव में रॉकेट अटैक किया था। इसी हफ्ते उनकी मौत की जानकारी मिली है। उनके भाई रोड्रिगो वाइएरिया ने डेली मेल को बताया है कि बंकर के अंदर वो अपनी यूनिट से अलग हो गईं और बाहर नहीं निकल पाई। इस वजह से ही दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई। उनके साथी डगलस बुर्गियो जिनकी उम्र 40 साल थी, वो भी इस युद्ध में लड़ रहे थे और उनकी भी इस रॉकेट अटैक में जान चली गई है। बुर्गियो ने अपनी दोस्‍त को बचाने में जान गंवा दी।

लगातार हो रहे थे हमले
रोड्रिगो ने कहा कि एक के बाद एक लगातार हमले हो रहे थे जिनकी वजह से बटालियन बंट गई और थालिटा को बचाया नहीं जा सका। उनके शब्‍दों में, 'थालिटा बंकर में गईं जिसमें पहले से ही आग लग गई थी और वो बंद हो चुका था।' उन्‍होंने आगे कहा कि जब बमबारी में कुछ देर का विराम हुआ तो उनके दोस्‍त उन्‍हें बचाने के लिए आगे आए मगर उनकी भी मौत हो गई। थालिटा, साउथ ब्राजील की रहने वाली थीं लेकिन उन्‍होंने अपनी जिंदगी के 30 साल राजधानी साओ पाउलो में बिताए थे। मॉडलिंग के करियर के बाद उन्‍होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद वो उस चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन से जुड़ी जो जानवरों को बचाने का काम करती थी।


ISIS से भी लिया मोर्चा
उन्‍हें कुछ समय बाद जब युद्ध में लड़ाई के लिए शौक जागा तो उन्‍होंने वो भी किया। आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा लेने के लिए वो कुर्दिश सेनाओं में शामिल हुईं और इराक में लड़ाई लड़ीं। वो इस समय एक ट्रेन्‍ड स्‍नाइपर बन चुकी थीं। अपनी मौत से तीन हफ्ते पहले ही वो लड़ाई के लिए यूक्रेन पहुंची थीं और फिर उन्‍हें खारकीव भेज दिया गया। खारकीव हालांकि रूस के सीधे हमले में नहीं है लेकिन इसके बॉर्डर पर लगातार बमबारी होती रहती है।

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