मस्तिष्क नियंत्रण हथियार: दिमाग पर काबू पाने वाला हथियार बना रहा चीन, अमेरिका ने जारी की ये चेतावनी

Update: 2021-12-31 06:38 GMT

नई दिल्ली: अमेरिका (America) ने दावा किया है कि चीन (China) 'मस्तिष्क नियंत्रण हथियार' (Brain Control Weapons) विकसित कर रहा है, जिसका इस्तेमाल विरोधियों को मारने के बजाय उन्हें पैरालाइज़ (Paralyze) करने और कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है.

इस 'ब्रेन कंट्रोल वीपन' से चीन दुश्मन के दिमाग को वश (Brain Control Technology) में कर सकता है और उससे मनचाहा काम करवा सकता है. अमेरिका के मुताबिक, तकनीक के युद्ध (Technological War) में चीन इतना आगे बढ़ चुका है कि वो अब लोगों के दिमाग को कंट्रोल करके उन्हें पैरालाइज़ करने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है.
इसकी वजह से अमेरिका ने चीन की एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज़ (China's Academy of Military Medical Sciences) समेत इससे संबद्ध 11 शोध संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इनपर 'बायोटेक्नोलॉजी' का उपयोग कर 'मस्तिष्क-नियंत्रण हथियार' विकसित करने का आरोप लगा है.
हालांकि, चीनी संस्थानों को ब्लैकलिस्ट करने वाले अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने इन हथियारों के बारे में विस्तार से नहीं बताया है. लेकिन 2019 में लिखे गए सैन्य दस्तावेज इस बात का संकेत देते हैं कि बीजिंग क्या हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
दुश्मनों के दिमाग पर कंट्रोल चाहता है चीन!
अमेरिकी सूत्रों का दावा है कि चीन दुश्मनों के सैनिकों के शरीर को खत्म नहीं करना चाहता, बल्कि उनके दिमाग पर अटैक करना चाहता है. वो उन्हें पैरालाइज़ करके उन्हें कंट्रोल करने की तकनीक विकसित कर रहा है.
अमेरिकी रिपोर्ट में दावा
अमेरिका ने चीनी दस्तावेजों के हवाले से कहा- 'उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को 'शवों को नष्ट करने' के बजाय 'दुश्मन की इच्छाशक्ति पर हमला' करके 'विरोध करने और प्रतिद्वंद्वी को नियंत्रित करने' पर ध्यान देना चाहिए.'
'डेली मेल' में छपी खबर के अनुसार, इतना ही नहीं चीन बायोटेक सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में अमेरिकी तकनीक हासिल करने की कोशिश कर रहा है. एक यूएस अधिकारी ने कहा कि चीन जिस तकनीक को विकसित करने की कोशिश कर रहा है, उसमें 'जीन एडिटिंग, ह्यूमन परफॉर्मेंस एन्हांसमेंट और ब्रेन मशीन इंटरफेस शामिल हैं.
अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा कि चिंताएं हैं कि चीन ऐसे किसी भी हथियार का इस्तेमाल अपने नागरिकों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए करेगा, जिसमें जातीय अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिम भी शामिल हैं. 
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