कोरोना वैक्सीन के बाद ब्लड कैंसर के मरीजों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ी

Update: 2022-12-26 14:20 GMT
लंदन। कोरोना ने फिर से तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जो लोग कोविड की बूस्टर डोज नहीं ली है उन्हें बूस्टर डोज लगाने को कहा गया है। इसी बीच ब्लड कैंसर के मरीजों में कोरोना वैक्सीन के एक अन्य फायदे से वैज्ञानिक हैरान है। शोधकर्ताओं की एक टीम ने कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद ब्लड कैंसर के मरीजों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता का पता लगया है। दरअसल ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है। लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया है कि ब्लड कैंसर के मरीजों में वैक्सीन लगने के बाद टी सेल्स सक्रिय कर हो जाता है। टी सेल्स के कारण लंबे समय तक इम्यूनिटी बनी रहती है।
शोधकर्ताओं ने ब्लड कैंसर के मरीजों में इम्यूनिटी की पड़ताल करने के लिए शोधकर्ता के नेतृत्व में अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में ब्लड कैंसर के मरीजों में कोरोना की तीन वैक्सीन लगने के बाद उसके खून की जांच की गई। जांच के बाद पाया गया है कि ब्लड कैंसर के मरीजों में कोरोना के कारण होने वाली गंभीर जटिलताओं से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई। स्टडी में ब्लड कैंसर के दो रूपों बी सेल लिंफोमा और मल्टीपल मायलोमा पर विश्लेषण किया गया। हमारे अध्ययन में ब्लड कैंसर से पीड़ित सभी प्रतिभागियों में कोविड वैक्सीन से मजबूत टी सेल्स की प्रतिक्रिया देखी गई। शायद यही कारण था कि ब्लड कैंसर के मरीजों में कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना होने पर भी बहुत हल्के या मध्यम लक्षण देखे गए जबकि उन लोगों में पहले से कोई एंटीबॉडी विकसित नहीं हुआ था।
शोधकर्ताओं ने वैक्सीनेशन के बाद ब्लड कैंसर के मरीजों में एंटीबॉडी की गुणवत्ता का भी विश्लेषण किया। यह विशेष रूप से एंटीबॉडी और वायरल स्पाइक प्रोटीन के बीच के बंधन की ताकत पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों ने ब्लड कैंसर के मरीजों और स्वस्थ मरीजों में स्पाइक प्रोटीन और टी सेल्स की प्रतिक्रियाओं और एंटीबॉडी की गुणवत्ता का तुलनात्मक अध्ययन किया।
Tags:    

Similar News

-->