दक्षिण कोरिया में बर्ड फ्लू का खतरा, एक और मामला हुआ दर्ज
कहा जाता है कि ये संक्रमण पक्षियों से ही फैला था.
दक्षिण कोरिया में सोमवार को दक्षिण-पश्चिमी काउंटी में एक बतख फार्म में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा के एक और संदिग्ध मामला सामने आया है. ये सूचना कृषि मंत्रालय ने दी है. समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय के अनुसार, सियोल से 280 किमी दक्षिण में बुसान में लगभग 10,000 बत्तखों को पालने वाले खेत में ताजा मामला सामने आया है. फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में कोई पोल्ट्री फार्म नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने जगह को घेर लिया है और खेत के बाहर बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने के लिए अन्य एहतियाती कदम उठाए हैं.
नवबंर से बढ़ रहे बर्ड फ्लू के मामले
अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा पक्षियों के बीच बहुत संक्रामक गंभीर बीमारी है और यह खासकर घरेलू पोल्ट्री में मौत का कारण बन सकता है. देश में इस साल नवंबर से बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आ रहे हैं. टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया कि इस बीच उत्तरी इजरायल में, एवियन फ्लू के प्रकोप के बीच, हुला लेक रिजर्व में 5,000 क्रेन मृत मिलें, जहां 15 लाख से ज्यादा मुर्गियों और टर्की को भी देखा गया है. यनेट ने सोमवार को बताया कि बर्ड फ्लू के तीन अन्य मामले हेफर घाटी के ईन हाहोरेश, गिलबोआ के राम-ऑन मोशव और गोलन हाइट्स के गिवात योव में चिकन कॉप में पाए गए. इन केंद्रों को आइसोलेट कर दिया गया है और क्षेत्र में अतिरिक्त खेतों की सक्रिय निगरानी की जा रही है.
जानें क्या पक्षियों से इंसान को हो सकता है बर्ड फ्लू
रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो बर्ड फ्लू के पक्षियों से इंसानों में फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक संक्रमित पक्षियों के बीच रहता है तो फिर उसे बर्ड फ्लू अपनी चपेट में ले सकता है. इसलिए सावधानी बरतें और पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से बचें.
पहली बार इंसानों में 1997 में हॉन्ग-कांग में हुआ था बर्ड फ्लू
बता दें कि बर्ड फ्लू इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस की वजह से फैलती है. H5N1 वायरस के खतरे से बचने के लिए हमें पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए. पहली बार इंसानों में H5N1 के संक्रमण की खबर वर्ष 1997 में हॉन्ग कॉन्ग से आई थी. जहां, पोल्ट्री फार्म में काम करने वाला एक शख्स इसकी चपेट में आया था. इसके बाद 1918 में स्पैनिश फ्लू से दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हुई थी. कहा जाता है कि ये संक्रमण पक्षियों से ही फैला था.