बिलावल भुट्टो ने की भारत से रिश्ते सुधारने की वकालत, बोले- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया पाकिस्तान

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Update: 2022-06-16 14:06 GMT
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को भारत के साथ फिर से संबंध सुधारने की जोरदार वकालत की और कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंध तोड़ने से देश के हितों की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग था।
राजधानी इस्लामाबाद में सामरिक अध्यय संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा, भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं। पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध, संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। आज जहां हमारे गंभीर विवाद हैं, वहां अगस्त 2019 की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई। भारत के फैसले पर पाकिस्तान में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी जिसके चलते पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया गया था।
कश्मीर मुद्दे पर बिलावल ने कहा कि विदेश मंत्री बनने के बाद से मैंने जो भी बातचीत की है, उसकी आधारशिला यही (अनुच्छेद 370) है। 33 वर्षीय बिलावल ने अप्रैल में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक के रूप पदभार ग्रहण किया था।
भारत के साथ फिर से संबंधों को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि मई में हमारे पास परिसीमन आयोग था। अधिकारियों की इस्लामाफोबिक टिप्पणी ने एक ऐसा माहौल तैयारकिया जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव मुश्किल है।
बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़कर पाकिस्तान अपने हितों की पूर्ति कर रहा है, चाहे वह कश्मीर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की कहानी पर जोर देना हो।
बिलावट भुट्टों ने आगे पूछा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री और अपने देश के प्रतिनिधि के रूप में मैं भारत सरकार और भारतीय लोगों से बात नहीं करता हूं। क्या यह संवाद करने या पाकिस्तान के लक्ष्य को हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है?
भारत ने पाकिस्तान से हमेशा कहा है कि जम्मू और कश्मीर देश का आंतरिक हिस्सा था, है और रहेगा। भारत का कहना है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि जहां भी आप देखते हैं वहां संकट है। देश चौराहे पर है और वर्तमान सरकार को यह विरासत में मिला है। उन्होंने पिछली इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की दोषपूर्ण नीतियों को दोषी ठहराया जिसके कारण पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हो गया है।
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