अफगानिस्तान में बनी तालिबान की सरकार में बड़ा उलटफेर, पुराने चेहरों पर दांव
फिलहाल इसको रक्षा मंत्री बनाया गया है। ये हबीबुल्ला का छात्र भी रहा है। ये तालिबान के मिलिट्री कमीशन का भी प्रमुख रहा है।
अफगानिस्तान में बनी तालिबान की सरकार में बड़ा उलटफेर देखा गया है। सबसे बड़ा उलटफेर तो इसके पीएम पद को लेकर ही हुआ है। गौरतलब है कि इस सरकार के एलान से पहले इस पद के लिए तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर का नाम सामने आ रहा था। इसके अलावा मुल्ला याकूब का भी नाम सामने आया था। लेकिन, इन दोनों ही नामों को पीछे धकेलते हुए तालिबान की पूर्व की सरकार में डिप्टी पीएम रहे मुल्ला हसन अखुंद को पीएम बना दिया गया है। ये सरकार तालिबान के चीफ हबीबुल्ला अखुंदजादा के इशारे पर काम करेगी। उसको अमीर उल अफगानिस्तान के नाम से जाना जाएगा। इस सरकार में शामिल दूसरे चेहरे भी बेहद खास हैं।
मुल्ला बरादर
ये शख्स तालिबान के संस्थापकों में शामिल रहा है। 1996-2001 में जब अफगानिस्तान में तालिबान सरकार थी तब इसकी भूमिका काफी खास रही थी। फिलहाल इस केयरटेकर सरकार में इसको उप-प्रधानमंत्री का पद दिया गया है। इसको अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अपनी जेल से रिहा किया था।
सिराजुद्दीन हक्कानी
हक्कानी नेटवर्क से जुड़ा ये अहम शख्स है। ये इस संगठन के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। इसको वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है और इसके सिर पर अमेरिका ने 50 लाख डालर का इनाम रखा है। तालिबान की केयरटेकर गवर्नमेंट में ये गृह मंत्री बना है।
मौलवी मोहम्मद याकूब
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है। इसका नाम इस सरकार के गठन से पहले पीएम पद के लिए सामने आ रहा था। फिलहाल इसको रक्षा मंत्री बनाया गया है। ये हबीबुल्ला का छात्र भी रहा है। ये तालिबान के मिलिट्री कमीशन का भी प्रमुख रहा है।