भारत से सटे अरब सागर में बड़ी तस्करी नाकाम, 1400 AK-47 राइफल और 226000 राउंड गोलाबारूद बरामद, कौन से देश भेजे जा रहे थे इतने हथियार?
नई दिल्ली: भारत से सटे अरब सागर में एके-47 की एक बड़ी तस्करी पकड़ी गई है। अमेरिकी नौसेना ने बताया है कि उसकी पांचवी फ्लीट ने गश्ती के दौरान उत्तरी अरब सागर से 1400 एके-47 राइफलें और गोला--बारूद को बरामद किया है। ये राइफलें एक मछली पकड़ने वाली बोट पर छिपाई गईं थीं। बड़ी बात यह है कि यह बोट किसी भी देश में रजिस्ट्रेशन के बिना समुद्र में घूम रही थी। नौसेना ने दावा किया है कि इन एके-47 राइफलों को यमन में हूती विद्रोहियों को भेजा जा रहा था। शक जताया गया है कि इनका निर्माण ईरान में किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस जहाज से वाणिज्यिक शिपिंग और उनके नेविगेशन को खतरा पैदा होने का अंदेशा था। ऐसे में आदेश मिलने पर जहाज से चालक दल और हथियारों को हटाकर उसे समुद्र में डूबा दिया गया। इस साल 11 फरवरी को अमेरिकी नौसेना के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर यूएसएस विंस्टर्न एस चर्चिल ने अंतराष्ट्रीय कानून के अनुसार, सोमालिया के तट पर एक स्टेटलेस शिप से हथियारों की बड़ी बरामदगी की थी। इसमें एके-47 असॉल्ट राइफलें, लाइट मशीन गन, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर और भारी स्नाइपर राइफल सहित कई दूसरे हथियार मिले थे।
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि अरब सागर के उत्तरी इलाके में यूएसएस टेम्पेस्ट (पीसी 2) और यूएसएस टाइफून (पीसी 5) के गश्ती के दौरान एक संदिग्ध मछली पकड़ने वाली बोट दिखाई दी। इस बोट पर किसी भी देश का झंडा नहीं लगा हुआ था। समुद्री ट्रैफिक पर नजर रखने वाली संस्थाओं के पास भी इस बोट का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था। ऐसे में बोट की संदिग्ध गतिविधि को देखकर जब अमेरिकी नौसेना के जवान तलाशी के लिए पहुंचे तो उन्हें 1400 एके-47 असॉल्ट राइफलें और कम से कम 226,000 राउंड गोला-बारूद मिलीं।
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि उत्तरी अरब सागर के अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून के अनुसार, हर जहाज को गश्त के दौरान ध्वज फहराना अनिवार्य होता है। लेकिन इस मछली पकड़ने वाली नौका पर कोई भी झंडा नहीं लगा हुआ है। जहाज पर पकड़े गए पांच चालक दल के सदस्यों की पहचान यमन के नागरिकों के रूप में की गई है। नौसेना ने कहा है कि इन लोगों को संबंधित देश को लौटा दिया जाएगा। इन हथियारों को यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों को भेजा जा रहा था। यमन के ये आतंकी ईरान के सहयोग से पिछले कई साल से पूरे देश में आतंक मचाए हुए हैं। सऊदी अरब की सेना इन गुटों के खिलाफ जंग भी लड़ रही है।