मंगल पर जीवन के इतिहास से जुड़ी बड़ी खोज, कैसे हुआ वीरान

जिसके मालिक दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क हैं।

Update: 2022-10-16 08:55 GMT
वॉशिंगटन : वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर इंसानों के बसने का सपना देख रहे हैं। एक नए शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से बर्बाद होने से पहले मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन 'इंसानों के रहने योग्य' था। नई थ्योरी नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित एक जलवायु मॉडलिंग स्टडी का पालन करती जिसमें अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर रहने वाले सूक्ष्म जीवों पर अध्ययन किया गया था, जब लाल ग्रह का वातावरण हमारी आज की पृथ्वी जैसा ही था। माना जाता है कि सूक्ष्म जीवों का मंगल पर जीवन ग्रह के वातावरण के बदलने के कारण समाप्त हो गया। अध्ययन में पाया गया कि पृथ्वी पर जीवन के पनपने और मंगल पर खत्म होने का कारण दोनों ग्रहों की गैस संरचना और सूर्य से उनकी दूरी में अंतर था।
चूंकि मंगल सूर्य से बेहद दूर है इसलिए वहां पाया जाने वाला जीवन उसके वातावरण में मौजूद ग्रीनहाउस गैसों पर ज्यादा निर्भर था जो तापमान को जीवन योग्य रखती थीं। लेकिन सूक्ष्य जीवों ने अपने ग्रह को खुद ही बर्बाद कर दिया। डेलीस्टार की खबर के अनुसार, मंगल पर मौजूद प्राचीन सूक्ष्मजीवों ने हाइड्रोजन का उपभोग किया और मीथेन का उत्पादन किया। धीरे-धीरे उन्होंने अपने ग्रह के उस तंत्र को ही खा लिया जो गर्मी को रोककर रखता था।
सूक्ष्म जीवों ने -57 डिग्री सेल्सियस तक गिरा दिया तापमान
इसके बाद समय के साथ मंगल इतना ज्यादा ठंडा हो गया कि यह ग्रह निर्जन हो गया। जब मंगल पर जीवन पनप रहा था तब इसका औसत तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस रहा होगा लेकिन जैसे-जैसे सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती गई, तापमान माइनस 57 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जिसके चलते उन्हें ग्रह की गहराई में मौजूद गर्म परत की ओर भागना पड़ा। एक खगोल जीव विज्ञानी और इस अध्ययन के मुख्य लेखक, बोरिस सौतेरे ने कहा कि जीवन के तत्व ब्रह्मांड में हर जगह मौजूद हैं।
ब्रह्मांड में प्रकट होता है जीवन फिर विलुप्त हो जाता है
उन्होंने कहा कि यह संभव है कि ब्रह्मांड में जीवन नियमित रूप से प्रकट होता रहता है। लेकिन ग्रह की सतह पर रहने योग्य परिस्थितियों में जीवन की अक्षमता इसे तेजी से विलुप्त कर देती है। हमारा प्रयोग इसे एक कदम और आगे ले जाता है। अमेरिका और चीन मंगल पर खोजी अभियान चला रहे हैं जिनमें सैटेलाइट और रोवर भेजना शामिल है। प्राइवेट कंपनियां स्पेसएक्स भी मंगल पर इंसानों को भेजने का सपना देख रही हैं जिसके मालिक दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क हैं।

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