लाहौर में बड़ा बम धमाका, एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत, धमाके में TTP का हाथ

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Update: 2022-01-20 16:35 GMT

लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब सूबे की राजधानी लाहौर आज बम धमाके से दहल उठी। लाहौर के अनारकली बाजार इलाके में हुए धमाके में एक बच्चे समेत कम से कम तीन लोगों के मौत की खबर है। इस विस्फोट में 25 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का हाथ हो सकता है। पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले ही अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के एक शीर्ष कमांडर की हत्या की थी। इसके बाद से ही यह आतंकी संगठन पाकिस्तान में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था।

धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास के दुकानों और इमारतों के शीशे टूट गए। घटनास्थल पर खड़ी कई मोटरसाइकिलों को भी नुकसान पहुंचा है। लाहौर के डीआईजी डॉ मुहम्मद आबिद खान ने जियो न्यूज को बताया कि धमाके की कारणों का पता लगाया जा रहा है। अभी तक कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस धमाके के कारण जमीन में 1.5 फीट गहरा गड्ढा बन गया था।
लाहौर का यह इलाका काफी भीड़-भाड़ वाला है। यहां हर दिन लाखों की संख्या में लोग मार्केटिंग करने के लिए आते हैं। घमाके के समय भी पूरे बाजार में काफी लोग मौजूद थे। पुलिस ने घायलों को मेयो अस्पताल में भेजा है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि घायलों में चार लोगों की हालत गंभीर है। डॉक्टर उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। चिकित्सकों ने अन्य घायलों का प्राथमिक उपचार किया है।
पाकिस्तान ने जनवरी में ही अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में टीटीपी के शीर्ष आतंकी खालिद बटली उर्फ मोहम्मद खुरासानी को मार गिराया था। माना जा रहा है कि इस हमले का कारण टीटीपी के बदले की कार्रवाई हो सकती है। 50 साल का मोहम्मद खुरासानी टीटीपी का प्रवक्ता भी था। वह पाकिस्तान के लोगों और सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों में भी शामिल था। अधिकारियों ने दावा किया कि तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद वह अक्सर काबुल का दौरा कर रहा था।
गिलगित-बाल्टिस्तान का रहने वाला था खुरासानी
पाकिस्तान ने दावा किया है कि वह आतंकवादी हमलों की योजना भी बना रहा था। उसने हाल में ही पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी हमला करने की धमकी भी दी थी। गिलगित-बाल्टिस्तान का रहने वाला खालिद बटती ऊर्फ मोहम्मद खुरासानी पिछले कई सालों से टीटीपी का ऑपरेशनल कमांडर था। 2007 में वह स्वात में प्रतिबंधित तहरीक निफ़ाज़ शरीयत-ए-मुहम्मदी में शामिल हो गया और टीटीपी के पूर्व प्रमुख मुल्ला फ़ज़लुल्लाह के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किया।
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