पाकिस्तानी आवाम को बड़ा झटका, घी-तेल हुआ महंगा
खाद्य तेल की खेप के लिए परिवहन शुल्क का भुगतान करने के लिए सूचित किया था। जो डीजल में 30 रुपये की छलांग
पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। बढ़ती महंगाई ने पाकिस्तान के नागरिकों की जेब ढीली कर रखी है। इस बीच बुधवार को पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों को बड़ा झटका दिया है। बुधवार से पाकिस्तान में घी और खाना पकाने के तेल की दरों में 208 रुपये और 213 रुपये की वृद्धि की है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब देश पिछले कई सालों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
घी-तेल हुआ महंगा
यूटिलिटी स्टोर्स कारपोरेशन (USC) के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि खाद्य तेल और घी की कीमत 555 रुपये प्रति किलोग्राम और 605 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर है। जो कि पहले 540-560 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पाकिस्तानी अखबार डान ने यूएससी के एक अधिकारी के हवाले से बताया यूएससी ने 1 जून से घी और खाना पकाने के तेल की कीमतों में भारी उछाल की अधिसूचना जारी की थी। हालांकि, वृद्धि का कारण उल्लिखित नहीं किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक
डान की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (पीवीएमए) के महासचिव उमर इस्लाम खान के हवाले से बताया कि घी और खाना पकाने के तेल की खुदरा दरें जल्द ही यूएससी कीमतों के बराबर आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि खाना पकाने के तेल और घी के निर्माताओं ने यूएससी को उत्पादों को क्रेडिट पर देना बंद कर दिया है, क्योंकि निगम ने निर्माताओं को 2-3 अरब रुपये का बकाया नहीं दिया है।
पाकिस्तानी आवाम की बढ़ रही परेशानी
इंडोनेशिया से पाकिस्तान को पाम तेल की आपूर्ति के बारे में बोलते हुए उमर इस्लाम ने बताया ताड़ के तेल की आपूर्ति पर प्रधानमंत्री टास्क फोर्स समिति गठित की है। जिसमें संबंधित मंत्रालयों के अधिकारी और पीवीएमए के पदाधिकारी शामिल हैं और आपूर्ति की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए रोजाना बैठकें भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उच्च दरों पर बुक किए गए शिपमेंट और बड़े पैमाने पर रुपये के अवमूल्यन ने लैंडिंग लागत को बढ़ा दिया है। जिसके कारण घी और खाना पकाने के तेल की दरें इंडोनेशियाई पाम तेल की दर में गिरावट के बावजूद 1,900-2,000 अमेरिकी डालर प्रति टन से घटकर 1,700 अमेरिकी डालर हो गई हैं।
बता दें कि पीवीएमए ने 27 मई को अपने सर्कुलर में अपने सदस्यों को एनएलसी/निजी टैंकरों को अपने खाद्य तेल की खेप के लिए परिवहन शुल्क का भुगतान करने के लिए सूचित किया था। जो डीजल में 30 रुपये की छलांग