पाकिस्तान में बड़े सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने इस्तीफे की चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है. रविवार को इस्लामाद में हुई रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि वो पांच साल पूरा करेंगे और इस्तीफा नहीं देंगे. रैली के दौरा इमरान खान ने कहा कि लोगों के विकास के लिए मैं सियासत में आया था.
इमरान खान ने कहा कि जब हम पांच साल पूरा करेंगे, तो सारा मुल्क देखेगा कि कभी इतिहास में दूसरी किसी सरकार ने उतनी गरीबी कम नहीं की, जितनी हमने की. उन्होंने कहा कि मैं 25 साल पहले राजनीति में एक ही चीज़ के लिए आया था और वो ये थी कि पाकिस्तान जिस नजरिए के साथ बनाया गया था उसे आगे बढ़ा सकूं. उन्होंने कहा कि जो काम हमने तीन साल में किए हैं वैसे काम हमसे पहले किसी ने नहीं किए थे.
आपको बता दें कि इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिसपर कल वोटिंग की तारीख तय की गई है. विपक्षी दलों के नेशनल असेंबली सचिवालय में आठ मार्च को एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिये जाने के बाद से पाकिस्तान में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. नोटिस में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पार्टी) देश में आर्थिक संकट और बेतहाशा बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है.
इमरान खान एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. इमरान खान के सहयोगी दल उनसे किनारा कर रहे हैं जबकि उनकी पार्टी के करीब दो दर्जन सांसद उनके खिलाफ बगावत कर रहे हैं. 69 साल के इमरान खान की पार्टी के 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी.