बाइडन इस मामले में चीन के साथ हाथ मिलाने को राजी, आर्थिक प्रतिबंधों में ढील को तैयार

अमेरिकी राष्‍ट्रपति इस मामले में पर चीन के साथ मिलकर काम करने को राजी है।

Update: 2021-01-26 13:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन आर्थिक मोर्चे पर चीन के साथ मिलकर काम करने को राजी है। व्‍हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को कहा कि बाइडन चीन पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को सीमित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका में राष्‍ट्रपति पद संभालने के बाद जो बाइडन ने चीन के खिलाफ तेवर सख्‍त करना शुरू कर दिया है। खासकर दक्षिण चीन सागर में चीनी दखल के खिलाफ बाइडन प्रशासन संकेत दे चुका है।


हालांकि, पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के बाद बीजिंग को यह उम्‍मीद थीं कि नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन के साथ रिस्‍ते सहज रहेंगे। चीन की यह उम्‍मीद निराधार रही। चीन की सामरिक महत्‍वाकांक्षा के चलते एक बार फ‍िर वाशिंगटन और बीज‍िंग के बीच तनाव बढ़ गया है। फ‍िलहाल बाइडन प्रशासन चीन के खिलाफ दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है।
प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को कहा कि बाइडन चीन पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को सीमित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी सहयोगियों और भागीदारों के साथ समन्‍वय करने का इच्‍छुक है। प्रेस सचिव ने आगे कहा कि हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि दुनिया में चीन अपना आधिपत्‍य जमाने में लगा है। चीन हमारी सुरक्षा, समृद्धि और लोकतांत्रिक मूल्‍यों को प्रबल चुनौती पेश कर रहा है। हम इस चुनौती को रणनीतिक धैर्य के साथ निपटना चाहते हैं। अमेरिका के इस बयान को इस अर्थों में लिया जा रहा है कि वह चीन को आर्थिक मोर्चे पर रियात देने के मूड में है, लेकिन सामरिक मामलों में वह समझौता करने के मूड में नहीं है।
उन्‍होंने कहा कि बीजिंग के साथ हमारी गंभीर प्रतिस्‍पर्धा है। चीनी सरकार का आचरण इस बात पर टिका है कि अमेरिका के श्रमिकों को नुकसान पहुंचाया जाए। चीन की नजर हमारे गठबंधन के सहयोगियों पर है। वह उनको नाहक परेशान कर रहा है। इसके अलावा अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों में अमेरिकी प्रभाव को सीमित करने का प्रयास कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में चीन अधिनायकवाद की ओर बढ़ रहा है। उन्‍होंने स्‍वीकार किया कि बीजिंग अब हमारी सुरक्षा, समृद्धि और लोकतांत्रिक मूल्‍यों को एक नई चुनौती पेश कर रहा है। चीन की इस चुनौती को निपटने के लिए अमेरिका को एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है।
ताइवान और दक्षिण चीन सागर के मुद्दे बाइडन प्रशासन ने अपनी नीति का साफ कर दिया है। इसका अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दक्षिण चीन में चीन और ताइवान के टकराव के बाद अमेरिका नौसेना ने अपने विमानों का वहां तैनात कर दिया है। इस क्रम में सोमवार को व्‍हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा कि हम अपने सहयोगियों की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रसे सचिव ने कहा चीन से मिल रही आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा।


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