भारतवंशी रामकलावन सेशेल्स के नए राष्ट्रपति चुने गए, बिहार से जुड़ी हैं जड़ें, PM मोदी ने दी बधाई

भारतवंशी वैवेल रामकलावन (Ramkalavan) को सेशेल्स का नया राष्ट्रपति (President of Seychelles) चुना गया है.

Update: 2020-10-26 04:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारतवंशी रामकलावन सेशेल्स के नए राष्ट्रपति चुने गएभारतवंशी वैवेल रामकलावन (Ramkalavan) को सेशेल्स का नया राष्ट्रपति (President of Seychelles) चुना गया है. सेशेल्स में 43 साल बाद विपक्ष का कोई नेता राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वैवेल रामकलावन को सेशेल्स का राष्ट्रपति निर्वाचित किए जाने पर बधाई दी है. राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले संबोधन में रामकलावन ने कोरोना महामारी से ध्वस्त हो चुकी पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए उन्होंने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का संकल्प दोहराया. रामकलावन का परिवार बिहार से अफ्रीका गया था, वे ईसाई पादरी भी रह चुके हैं.

सेशेल्स चुनाव आयोग के प्रमुख डैनी लुकास ने रविवार को कहा कि रामकलावन को 54 फीसद मत मिले हैं. उन्होंने डैनी फॉरे को मात दी है. निवर्तमान राष्ट्रपति फॉरे को सिर्फ 43 फीसद मत ही हासिल हुए. पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स की आबादी एक लाख से कम है. राष्ट्रपति चुनाव में गुरुवार से शनिवार तक हुए मतदान में 75 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. सेशेल्स में 1977 के बाद पहली बार विपक्ष का कोई नेता राष्ट्रपति निर्वाचित हुआ है. फॉरे की यूनाइडेट सेशेल्स पार्टी पिछले 43 साल से सत्ता में थी. रामकलावन की पार्टी का नाम लिनयोन डेमोक्रेटिक सेसेलवा पार्टी है.

बिहार के परसौनी गांव के रहने वाले थे रामकलावन के परदादा



रामकलावन के परदादा 130 साल पहले 1883 में बिहार के मोतीहारी जिले के परसौनी गांव से कलकत्ता (अब कोलकाता) होते हुए मारीशस पहुंचे थे. जहां वह गन्ने के खेत में काम करने लगे. कुछ समय बाद वह सेशेल्स चले गए थे. सेशेल्स में ही 1961 में रामकलावन का जन्म हुआ था. वर्ष 2018 में रामकलावन भारतवंशी (पीआइओ) सांसदों के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे. तब वह अपने पूर्वजों के गांव परसौनी भी गए थे. उस समय वह सेशेल्स की संसद नेशनल असेंबली के सदस्य थे.

रामकलावन ने फॉरे के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है. आमतौर पर अफ्रीकी देशों में सत्ता का हस्तांतरण सामान्य तरीके से नहीं होता. जीत के बाद रामकलावन ने कहा, 'फॉरे और मैं अच्छे दोस्त हैं. एक चुनाव का यह मतलब नहीं है कि अपनी मातृभूमि में किसी का योगदान खत्म हो जाता है.' उन्होंने कहा, 'इस चुनाव में न कोई पराजित हुआ है और न कोई विजयी. यह हमारे देश की जीत है.' रामकलावन जब विजयी भाषण दे रहे थे, तब फॉरे उनकी बगल में ही बैठे थे.

Tags:    

Similar News

-->