अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले प्रदर्शनकारी शहर में महिलाओं के हक में निकाली गई बड़ी रैली, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

इनकी मांग होती है कि महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया जाए, बराबर वेतन मिले और सम्मान मिले.

Update: 2021-03-07 04:45 GMT

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) से पहले ही स्विटरजलैंड (Switzerland) में महिलाओं को लेकर बड़ी रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. यहां शनिवार को भी एक बड़ी रैली आयोजित की गई. जिसमें भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए. पुलिस ने लोगों पर टियर गैस (आंसू गैस) का इस्तेमाल किया और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ये रैली ज्यूरिक शहर (Zurich City) में निकाली गई थी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने लोगों को आगे भी इस तरह का प्रदर्शन ना करने की सलाह दी है.

पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि जो भी इस तरह के प्रदर्शन करने की योजना बना रहा है, वह कोई प्रदर्शन ना करे. पुलिस ने इसके पीछे की वजह कोरोना वायरस (Covid-19) को भी बताया है. जिसके कारण देश में किसी भी तरह से बड़ी संख्या में लोग एक जगह एकत्रित नहीं हो सकते हैं (Feminist Rally in Switzerland on the eve of International Women's Day ). प्रदर्शनकारी शहर के कई हिस्सों में एकत्रित हुए थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए टियर गैस का इस्तेमाल किया. पुलिस ने कहा कि 100 से कम लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे.

लोग फिर भी आगे बढ़ते गए
पुलिस ने बताया, 'इसके बाद भी लोग फिर से एकत्रित हुए और लैंग्सट्रेस की ओर चले गए. फिर उन्हें वहां आगे बढ़ने से भी रोका गया और दोबारा टियर गैस का इस्तेमाल हुआ (Feminist Rally in Switzerland on the eve of International Women's Day ). पुलिस कार्रवाई के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने पुलिस को रोकने की भी कोशिश की.' यहां तक कि एक महिला ने जब पुलिस अधिकारियों को टियर गैस का इस्तेमाल करने से रोका गया तो उसे गिरफ्तार किया गया.
दो लोगों को किया गिरफ्तार
जब बाकी प्रदर्शनकारी उस महिला को गिरफ्तार किए जाने से रोक रहे थे, तो पुलिस ने फिर से टियर गैस का इस्तेमाल किया और एक अन्य प्रदर्शकारी को भी गिरफ्तार कर लिया (Feminist Rally in Switzerland on the eve of International Women's Day ). महिला दिवस के मौके पर इससे पहले भी स्विटजरलैंड में महिलाओं ने रैली निकाली हैं. इस तरह की रैलियों में कई बार पुरुष भी हिस्सा लेते हैं. इनकी मांग होती है कि महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया जाए, बराबर वेतन मिले और सम्मान मिले.


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