अग्नि 5 से पहले चीन ने भी किया था एक मिसाइल का परीक्षण, आखिर कौन ज्यादा शक्तिशाली
चीन ने भी किया था एक मिसाइल का परीक्षण
भारतीय सेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है. दरअसल, सीमा सुरक्षा और मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. बुधवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. खास बात ये है कि यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है. इस वजह से इसकी काफी चर्चा हो रही है और इससे पता चलता है कि भारत अब दुश्मन देशों को युद्ध के मैदान में जवाब देने के लिए और भी मजबूत हो गया है.
वैसे भारत के इस परीक्षण की तुलना चीन की एक मिसाइल से हो रही है, जिसका हाल ही में अगस्त में परीक्षण किया गया था. चीन के बाद अब भारत की ओर से मिसाइल परीक्षण करने की वजह से मिसाइल की चर्चा ज्यादा हो रही है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि इस भारत की मिसाइल चीन की मिसाइल से कितनी पावरफुल है और चीन की इस मिसाइल के मुकाबले भारत की मिसाइल कहां है….
क्या है अग्नि 5 की खास बात?
इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है. मिसाइल की ताकत इसलिए भी ज्यादा मानी जा रही है क्योंकि इसके इंजन पर काफी काम किया गया है. बताया गया है कि अग्नि पांच के इंजन को तीन चरण वाले ठोस ईधन से बनाया गया है. ऐसे में इसकी क्षमता और सटीकता दूसरी मिसाइलों की तुलना में ज्यादा रहने वाली है. खास बात ये है कि अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है.
इससे भारत को लंबी दूरी की मिसाइलों में खास सपोर्ट मिला है. अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है, जिस वजह से आर्मी की खास मदद होगी. साथ ही यह मल्टीपल टारगेट में भी कारगर है. यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है और इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.
चीन की मिसाइल में क्या है खास?
हाल ही में चीन ने एक मिलाइल का परीक्षण किया था, जो हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था. मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है और धरती पर लगे एयर सिस्टम से बचने में भी कामयाब हो सकती है. डर की बात ये है कि इसे रोक पाना थोड़ा मुश्किल काम है और रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसी पावर अमेरिका के पास भी नहीं है. दरअसल, ये मिसाइल डिटेक्ट नहीं पाती है, इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. हालांकि, फाइनेनशियल टाइम्स ने खुफ़िया विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि पहली बार ये मिसाइल अपने टार्गेट से 40 किलोमीटर दूर रह गई थी. ऐसी कई रिपोर्ट्स को चीन ने खारिज भी किया है.
दोनों में क्या है अंतर?
दोनों अलग अलग तरह की मिसाइल है. जहां भारत वाली मिसाइल इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जबकि चीन वाली मिसाइल हाइपरसोनिक मिसाइल है. बता दें कि आईसीबीएम एक लंबी दूरी का मिसाइल है जो धरती के वातावरण को छोड़ देता है और फिर वापस आकर एक पैराबोला की तरह अपने टार्गेट को निशाना बनाता है. वहीं, एक हाइपरसोनिक को एक रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाता है, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में आवाज की गति से पांच गुना से 25 गुना अधिक गति से चलता है. यह वाहन परमाणु पेलोड ले जाने में सक्षम है, जो लॉन्च करने वाले देश को दुनिया भर में लगभग किसी भी लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है.