आज रात को होने वाला है खूबसूरत खगोलीय घटना, होगा 'स्ट्राबेरी मून' का दीदार

‘स्ट्राबेरी मून’ का दीदार

Update: 2021-06-24 10:48 GMT

एक महीने पहले लोगों ने सुपरमून (Supermoon) और ब्लडमून (Bloodmoon) के साथ पूर्व चंद्रग्रहण की दुर्लभ घटना को लुत्फ उठाया. एक बार फिर हमारा चंद्रमा (Moon) अपनी खूबसूरती का परिचय देने वाला है. गुरुवार रात को पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह आसमान में पहले की तुलना में अधिक चमकीला और बड़ा दिखाई देने वाला है. ये खगोलीय घटना दो कारणों से महत्वपूर्ण है. पहला ये एक 'स्ट्राबेरी मून' (Strawberry Moon) होगा और दूसरा 'लेट सुपरमून' (Late Supermoon).

स्ट्राबेरी मून वसंत ऋतु की अंतिम पूर्णिमा और गर्मियों की पहली पूर्णिमा का प्रतीक है. 21 जून को संक्रांति के साथ उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में गर्मी का मौसम शुरू हुआ, जो वर्ष का सबसे लंबा दिन था. गुरुवार को अपनी कक्षा में पृथ्वी के करीब आने के कारण चंद्रमा अन्य दिनों की तुलना में बड़ा दिखाई देगा और इसके लगातार तीन दिनों तक दिखाई देने की संभावना है. स्ट्रॉबेरी मून भारत में भी दिखाई देगा और लगभग 12.10 बजे अपने चरम पर पहुंच जाएगा.
इसे स्ट्राबेरी मून क्यों कहा जाता है?
स्ट्राबेरी मून गर्मी के मौसम की शुरुआत का प्रतीक होता है. NASA के मुताबिक, ये हमारे अधिकांश वातावरण में चमकता हुआ दिखाई देता है. इस दौरान ये कभी-कभी गुलाबी रंग का हो जाता है. इस खगोलीय घटना को इसका नाम प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से मिला है जिन्होंने स्ट्रॉबेरी के लिए कटाई के मौसम की शुरुआत को पूर्णिमा के जरिए चिह्नित किया था. जून की पूर्णिमा को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. यूरोप में, इसे रोज मून के नाम से जाना जाता है, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है. उत्तरी गोलार्ध में, इसे हॉट मून कहा जाता है क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ दिखाई देता है.
ये सुपरमून क्यों हैं?
एक सुपरमून तब होता है, जब पूर्व चंद्रमा अपनी कक्षा में रहते हुए पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है. इस स्थिति को पेरिगी कहा जाता है और पृथ्वी के चारों ओर अपनी 27 दिवसीय कक्षा में चंद्रमा 3,63,711 किलोमीटर की दूरी के साथ पृथ्वी के सबसे निकटतम आता है. इस दौरान चंद्रमा का आकार सामान्य से बड़ा और चमकीला होता है. 24 जून को होने वाला सुपरमून साल 2021 का आखिरी सुपरमून है. NASA के अनुसार, यह साल में केवल तीन से चार बार होता है, और हमेशा लगातार दिखाई देता है. आखिरी तीन सुपरमून 28 मार्च, 27 अप्रैल और 26 मई को हुए थे.
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