बांग्लादेश: मुख्य चुनाव आयुक्त का दावा - किसी के साथ नहीं, किसी के विरोध में नहीं, हम हैं 'निष्पक्ष'
ढाका: बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन ने कहा कि आयोग का किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन या विरोध करने का इरादा नहीं है। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने कहा कि उन्होंने 'निष्पक्ष' रहने की शपथ ली।
नासिर उद्दीन ने कहा कि हम राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते। हम किसी राजनीतिक दल के पक्ष में या उसके खिलाफ खड़े नहीं होना चाहते। हम 'निष्पक्ष' रहना चाहते हैं। देश के प्रमुख समाचार पत्र 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को राजधानी के निर्वाचन भवन में रिपोर्टर्स फोरम फॉर इलेक्शन एंड डेमोक्रेसी (आरएफईडी) की वार्षिक आम बैठक और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने ये टिप्पणियां कीं।
नासिर उद्दीन ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पर राजनीतिक नियंत्रण इसकी भूमिका की आलोचना का मुख्य कारण है। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय तरीके से चुनाव कराने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मुख्य चुनाव आयुक्त का यह बयान संघर्ष से ग्रस्त बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए अहम है । पिछले साल अगस्त में एक उग्र आंदोलन के बाद शेख हसीना को सत्ता छोड़ देश से भागने पड़ा था। इसके बाद से देश में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा जहां लोकतंत्र को गहरा झटका दिया वहीं इसने एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने की संभावना को भी कमजोर कर दिया।
बता दें कि बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं, जिसे देश में मौजूदा संकट का एकमात्र व्यवहारिक समाधान माना जा रहा है। बांग्लादेश के मौजूदा नाजुक हालात में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान कार्यवाहक सरकार के लिए निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए व्यवस्था बहाल करना एक बड़ी चुनौती है।
अगस्त में पैदा हुए राजनीतिक और सुरक्षा शून्य ने पहले ही छात्र समूहों और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लाम जैसे कई ताकतों को जन्म दे दिया है। बंग्लादेश के संस्थापक माने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक निवास धानमंडी 32 का हाल ही में हुआ विनाश देश में एक कमजोर व्यवस्था का स्पष्ट बयान है।