बांग्लादेश: हिंदुओं पर हमले के खिलाफ 89 संगठन एकजुट, हिरासत में भेजे गए आरोपित

हिंदुओं पर हमले के खिलाफ 89 संगठन एकजुट

Update: 2021-10-26 14:48 GMT

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं पर शुरू हुए हमलों के विरोध में 89 संगठनों ने एकजुटता दिखाई है। इन हमलों में हिंदुओं के जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने हमलों की निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से हिंसा पर रोक लगाने को कहा था। उधर, चिटगांव अदालत ने दुर्गा पूजा मंडप में तोड़फोड़ व पुलिस पर हमले के 16 आरोपितों को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। सुरक्षा बलों की तमाम कोशिशों के बावजूद बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव बरकरार है।

पंथ निरपेक्षता को बढ़ावा देने वाले संप्रीति बांग्लादेश नामक संगठन के नेतृत्व में एकजुट हुए संगठनों ने हिंदुओं पर हमले की निंदा करते हुए सभी आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। संप्रीति बांग्लादेश के संयोजक पीयूष बंदोपाध्याय के नेतृत्व में सोमवार को ढाका के केंद्रीय शहीद मीनार के पास रैली का आयोजन किया गया। लोगों ने कट्टरता के खिलाफ सात प्रस्ताव रखे। उनका मानना है कि सांप्रदायिक हिंसा ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान व 1975 के बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन के आदर्शो पर कुठाराघात किया है। रैली को ढाका यूनिवर्सिटी के कुलपति मुहम्मद अख्तरूज्जमां, शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी कमरूल हसन खान, ढाका यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ प्रमुख निजामुल हक भूइयां आदि ने संबोधित किया।

चिटगांव दुर्गा पूजा पंडाल पर हमले के आरोपित हबीबुल्लाह मिजान ने गुनाह कुबूला है। 15 अक्टूबर को पूजा पंडाल पर हुए हमले के आरोप में 83 नामजद व 500 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ उप निरीक्षक आकाश मुहम्मद फरीदी ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अबतक 100 से ज्यादा आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एएनआइ ने ढाका ट्रिब्यून के हवाले से बताया कि बांग्लादेश में इंटरनेट मीडिया साइटों पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाली अफवाहें तैर रही हैं। दुर्गा पूजा के समय से ही अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं। रविवार को भी टेकनाफ के कटखाली में बुद्धिस्ट व मुसलमानों के बीच झड़प हो गई, जिसमें आठ लोग घायल हो गए।
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