Tik Tok से बैन हटा, चीनी कंपनी पर लगा था 'अश्लीलता' परोसने का आरोप

इस फैसले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जमकर आलोचना की थी.

Update: 2021-04-01 10:20 GMT

पाकिस्तान (Pakistan) ने गुरुवार को चीनी वीडियो ऐप टिकटॉक (TikTok) पर लगे प्रतिबंध को हटा (Ban Lifted) लिया. टिकटॉक पर अश्लील कंटेट परोसने का आरोप लगा था और इस कारण ही इस ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पाकिस्तान द्वारा ये प्रतिबंध तब हटाया गया है जब चीनी कंपनी ने कहा है कि वह अब उदारवादी कंटेट को अपलोड करेगी. रूढ़िवादी पड़ोसी मुल्क में टिकटॉक हमेशा से ही विवादों में रहा है. इस पर युवाओं को बिगाड़ने का आरोप भी लग चुका है.

देश के उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर में स्थित एक अदालत ने पिछले महीने पाकिस्तान संचार नियामक को ऐप को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. अदालत ने टिकटॉक को ब्लॉक करने की वजह इसका पाकिस्तान की गहरी रूढ़िवादी नैतिक मूल्यों के विपरीत होना बताया था. पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन एजेंसी के वकील जहांजब महसूद ने कहा कि ऐप ने हमें आश्वासन दिया है कि ये अब एक फिल्टर का प्रयोग करेगा और उदारवादी कंटेट को अपलोड करेगा.
पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों और युवाओं में लोकप्रिय है टिकटॉक

इससे पहले चीनी स्वामित्व वाली इस कंपनी ने अक्टूबर में लगे एक और प्रतिबंध के दौरान कहा था कि ये उदारवादी कंटेट को परोसने की तरफ ध्यान देगा. टिकटॉक पाकिस्तान के युवाओं में खासा लोकप्रिय है. इसकी सबसे ज्यादा लोकप्रियता पड़ोसी मुल्क के ग्रामीण इलाकों में है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के सलाहकारों में से एक ने पहले टिकटॉक पर युवा लड़कियों के शोषण, वस्तुकरण और यौन शोषण को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया था. हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया था.

इंटरनेट पर नियंत्रण के लिए होती है पाकिस्तान की आलोचना
वहीं, टिकटॉक ने इस फैसले का स्वागत किया है. 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' की वकालत करने वालों ने लंबे समय से सरकार की सेंसरशिप और पाकिस्तान के इंटरनेट एंव प्रिट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नियंत्रण की आलोचना की है. पिछले साल पाकिस्तानी रेगुलेटर्स ने YouTube से उन सभी वीडियो को तुरंत ब्लॉक करने को कहा था. जिनको लेकर उनका मानना था कि ये देश के लिए आपत्तिजनक हैं. अधिकारियों के इस फैसले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जमकर आलोचना की थी.


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