ऑस्ट्रेलियन PM का बड़ा बयान, भारत के लिए एनर्जी सप्‍लाई को और बढ़ाया जाएगा

यूरेनियम के भंडार के मामले में ऑस्ट्रेलिया दुनिया का तीसरा प्रमुख देश है और वह एक साल में करीब 7,000 टन यूरेनियम का निर्यात करता है.

Update: 2021-09-30 10:52 GMT

साल 2014 में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच यूरेनियम की सप्‍लाई को लेकर एक बड़ी डील हुई थी. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साल 2012 में यूरेनियम की ब्रिकी को लेकर बातचीत शुरू की थी.

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australian Prime Minister Scott Morrison) ने कहा है कि उनका देश भारत के लिए लंबे समय से ऊर्जा निर्यातक रहा है और आगे भी रहेगा. दोनों देश पारंपरिक संसाधनों संबंधों को आगे भी जारी रखेंगे.
पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि मुझे भरोसा है कि नई एनर्जी टेक्नोलॉजी और फ्यूल संसाधनों के लिए अब एक नई लाइन खुलेगी. मॉरिसन के शब्‍दों में, 'हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़ रही है और ये अधिक महत्वाकांक्षी हो रही है. हमारे व्यापार मंत्रियों की अगले हफ्ते बैठक होगी. इसमें हम यह तय करेंगे कि हमें किधर जाना है. मुझे लगता है कि हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय अर्थों में बहुत कुछ हासिल करने में सक्षम होंगे. मैं और पीएम मोदी उस उद्देश्य को साझा करते हैं.'
पिछले दिनों हुई मोदी और मॉरिसन की मीटिंग
उन्होंने कहा, हम भारत और ऑस्ट्रेलिया की चुनौतियों को समझते हैं और सुनिश्चित करेंगे कि ये डील दोनों देशों के हित में हो. पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में थे तो उन्‍होंने मॉरिसन के साथ एक खास मुलाकात की थी. इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत सहित द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
इस मीटिंग से पहले दोनों नेताओं ने फोन पर खास बातचीत की थी. पीएम मोदी ने इस मीटिंग के बाद ट्वीट किया था, 'अच्छे दोस्त एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ बात करना हमेशा अद्भुत रहता है. हमने वाणिज्य, व्यापार, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया.'
साल 2016 से जारी है मुहिम
वहीं, ऑस्‍ट्रेलिया के पीएम मॉरिसन ने बैठक के बाद ट्वीट किया, 'अपने अच्छे दोस्त और ऑस्ट्रेलिया के एक महान मित्र, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी यात्रा के दौरान मिलकर बहुत अच्छा लगा. पहली व्यक्तिगत क्वाड बैठक से पहले दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करने के लिए व्यापक और सार्थक चर्चा हुई.'
साल 2016 में अमेरिका और जापान के बाद भारत ने आस्ट्रेलिया से सस्ती दरों पर कोयला और गैस खरीदने की मुहिम शुरु की थी. आस्ट्रेलिया ने भी उस समय भारत को न सिर्फ बेहद आसान शर्तों पर कोयला व एलएनजी देने का प्रस्ताव किया है बल्कि वह भारत में इन दोनों क्षेत्रों में भारी भरकम निवेश करने को भी तैयार है. आज भारत को ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया यूरेनियम सप्‍लाई करने वाले बड़े देशों में शामिल है.
2014 में हुई थी एक बड़ी डील
साल 2014 में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच यूरेनियम की सप्‍लाई को लेकर एक बड़ी डील हुई थी. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साल 2012 में यूरेनियम की ब्रिकी को लेकर बातचीत शुरू की थी. इससे ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया ने भारत को यूरेनियम के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाया था ताकि भारत की परमाणु कार्यक्रम की जरूरत पूरी हो सके. यूरेनियम के भंडार के मामले में ऑस्ट्रेलिया दुनिया का तीसरा प्रमुख देश है और वह एक साल में करीब 7,000 टन यूरेनियम का निर्यात करता है.
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