लाल सागर में देश के एक जलपोत पर हमला, परमाणु कार्यक्रम पर बात से पहले बढ़ सकता है अमेरिका संग तनाव

कर्मिशयल कार्गो शिप पर इस तरह के सामान होने का कोई मतलब नहीं होता.

Update: 2021-04-12 07:50 GMT

ईरान के सरकारी टेलीविजन ने लाल सागर में अपने देश के एक जलपोत पर हमला होने की पुष्टि की है. माना जा रहा है कि यह कार्गो शिप ईरान की पैरामिलिट्री रेवोल्यूशनरी गार्ड का बेस है और लाल सागर में बरसों से खड़ा है. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इस बात की पुष्टि की है कि यमन में इस जलपोत पर हमला किया है. विदेशी मीडिया के हवाले से ईरान के सरकारी टीवी ने MV Saviz पर हुए संदिग्ध हमले पर पहली बार कोई टिप्पणी की है.

ईरान की इस पुष्टि के बाद अमेरिका संग उसका तनाव और बढ़ सकता है. हालांकि अमेरिका ने इस हमले में हाथ होने से इनकार किया है. अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने बयान जारी कर कहा है कि वो लाल सागर में MV Saviz पर हुए संदिग्ध हमले से संबंधित मीडिया खबरों से अवगत हैं. अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर कहा, 'हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि कोई भी अमेरिकी सैना इसमें शामिल नहीं है. इसके अलावा हमारे पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.'

अंतरराष्ट्रीय रूट पर अहम चेक प्वाइंट पर खड़ा जहाज
ईरान ने पहले कहा था कि यह जलपोत लाल सागर में लुटेरों के खिलाफ अभियान के लिए तैनात है. यह बाबेल-मनदेब प्वाइंट पर खड़ा है, जो इंटरनेशनल शिपिंग के लिए एक अहम प्वाइंट है. MV Saviz जलपोत का मालिकाना हक इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान शिपिलंग लाइन्स के पास है. 2016 के अंत में इसे लाल सागर में तैनात किया गया था. इस दौरान यह जहाज दहलाक द्वीपसमूह की ओर बढ़ा है, जो अफ्रीकी देश इरिट्रेया के तट की ओर बढ़ा है.

सऊदी सेना ने जहाज की थी रेकी
सऊदी सेना ने इस जहाज की रेकी की थी. इस दौरान उसने पाया कि इस जहाज पर मौजूद लोग सैन्य वर्दी पहने हुए थे. वहां की गतिविधियां ठीक वैसी ही थीं, जैसी किसी सैन्य जहाज पर होती है. इस पर एक छोटी बोट भी थी, जो यमन के तट तक सामान पहुंचाने में काम आ सकती है. सऊदी की सेना द्वारा ली गई तस्वीरों में यह भी दिख रहा है कि इस जहाज पर एंटीना हैं, जो यह संकेत देते हैं कि इसके जरिए निगरानी की जा रही है. सऊदी की सरकार ने कहा था कि कर्मिशयल कार्गो शिप पर इस तरह के सामान होने का कोई मतलब नहीं होता.


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