पाकिस्‍तानी में अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार जारी, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने दी चेतावनी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने बुधवार को संसदीय सत्र के दौरान पाकिस्‍तान |

Update: 2020-11-12 07:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने बुधवार को संसदीय सत्र के दौरान पाकिस्‍तान से वहां की जनता के मौलिक अधिकारों की गारंटी देने की मांग की है। सांसद खान ने सवाल किया था कि क्‍या सरकार को पाकिस्‍तान के सामने यह स्‍पष्‍ट कर देना चाहिए कि सरकार समर्थित अत्‍याचार का सिलसिला अब बंद करना जरूरी हो गया है। पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ अत्‍याचार और जुल्‍म का सिलसिला जारी है और दुनिया के तमाम देश इससे अवगत हैं। का आग्रह किया। प्रधानमंत्री जॉनसन सांसद इमरान अहमद खान के सवाल का जवाब दे रहे थे।

जॉनसन ने जवाब दिया, ' मैं अपने आदरणीय दोस्‍त से सहमत हूं और मैं उन्‍हें बता सकता हूं कि इसलिए ही दक्षिण एशिया के मंत्री ने हाल में इस मामले को पाकिस्‍तान के मानवाधिकार मंत्री के समक्ष उठाया और हमने पाकिस्‍तान सरकार से आग्रह किया कि वे अपनी जनता के मौलिक अधिकारों को की गारंटी लें।' अहमद खान ने संसद को संबोधित करने के दौरान कहा कि जब देश में कोविड-19 के खिलाफ जंग जारी है तो इसे मानवीय अन्‍यायों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ हो रहे जुल्‍म और अत्‍याचार को बंद करना चाहिए।

अहमद खान ने पेशावर में हुए अहमदी शख्‍स महबूब अहमद खान का जिक्र किया और सवाल उठाया कि इस हत्‍या का अपराध पाकिस्‍तानी कानून के अंतर्गत आता है या नहीं। दरअसल, सांसद अहमद खान ने कहा, 'रविवार को 82 वर्षीय महबूब अहमद खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हाल में पेशावर में मारे गए खन चौथे अहमदी मुसलमान हैं। उन्‍होंने पाकिस्तानी कानून के तहत अपराध किया था? वह खुद को अहमदी मुस्लिम कहते थे जिनका पंथ 'सभी के लिए प्यार, किसी के लिए नफरत नहीं' है। क्या मेरे आदरणीय मित्र इस बात पर मुझसे सहमत हैं कि पाकिस्तान में नफरत सड़कों पर खत्म हो जाती है। सरकार को पाकिस्तान को स्पष्ट करना चाहिए कि देश में अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ होने वाले अत्‍याचारों को समर्थन दिया जाना समाप्त होना चाहिए?'

बता दें कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्‍याचार व शोषण को लेकर कई बार आलोचनाओं का शिकार हो चुका है। यहां अल्पसंख्यकों के सरकारी अधिकारियों के हाथों उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते हैं।सांसद अहमद खान ने कहा कि खुद को अहमदी मुसलमान बताना जिनका समुदाय सब के लिए प्रेम और किसी के लिए नफरत का भाव नहीं रखता है हगुनाह है। उन्‍होंने आगे कहा, क्‍या मेरे आदरणीय मित्र मेरे साथ इस बात को लेकर सहमत हैं कि पाकिस्‍तान में नफरत की हिंसा हो रही है जिसका अंत सड़कों पर होता है।

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