60 साल बाद एस्ट्रोनोमर्स ने गामा किरणों की चमकदार रोशनी के रहस्य से उठाया पर्दा

कल्पना कीजिए कि हमारे सूर्य की तुलना में एक मिलियन ट्रिलियन गुना अधिक तेज प्रकाश के अचानक फटने को देखना कैसा होगा

Update: 2021-09-23 15:30 GMT

कल्पना कीजिए कि हमारे सूर्य (Sun) की तुलना में एक मिलियन ट्रिलियन गुना अधिक तेज प्रकाश के अचानक फटने को देखना कैसा होगा. लेकिन, क्या ये संभव भी है? हां ऐसा संभव है. एस्ट्रोनोमर्स ने अब ब्रह्मांड (Universe) में होने वाले प्रकाश के सबसे चमकीले सबसे ऊर्जावान विस्फोटों के पीछे का कारण खोजा है.

गामा रे बर्स्ट (GRB) के रूप में जाने जाने वाली ऊर्जा के इस बड़े विस्फोट के पीछे स्टार बनाने वाली आकाशगंगाएं (Galaxies) जिम्मेदार हैं. ये पहली बार है कि जब एस्ट्रोनोमर्स ने ऊर्जा के इस बड़े पैमाने पर विस्फोट के कारण की पहचान है, जो अब तक किसी ज्ञात उत्पत्ति से जुड़ा हुआ नहीं था.

ये खोज डार्क मैटर (Dark Matter) और डार्क एनर्जी (Dark Energy) सहित ब्रह्मांड (Universe) के कुछ सबसे बड़े रहस्यों पर प्रकाश डाल सकती है. नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि अब तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया था कि गामा किरणें (Gamma-rays) किस वजह से सामने आते थे. ये अक्सर ही खाली आकाश के पैच में दिखाई देता है.

गामा किरणें ब्रह्मांड में प्रकाश के सबसे ऊर्जावान रूपों में से एक है. अध्ययन के प्रमुख लेखक और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के डॉ मैट रोथ ने कहा, इस गामा-किरण उत्सर्जन की उत्पत्ति की खोज करना एक मील का पत्थर है. ब्रह्मांड के इस रहस्य को सुलझाने के लिए एस्ट्रोनोमर्स 1960 के दशक से इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं.


गामा-किरण प्रकाश का शॉर्ट-लिव्ड बर्स्ट विस्फोट जो प्रकाश का सबसे ऊर्जावान रूप है. ये कुछ मिलीसेकेंड से लेकर कई मिनट तक रहता है. ये विस्फोट एक सामान्य सुपरनोवा (Supernova) की तुलना में सैकड़ों गुना अधिक चमकदार होते हैं और सूर्य की तुलना में लगभग दस लाख ट्रिलियन गुना अधिक चमकता है.


NASA के अनुसार, एस्ट्रोनोमी का सबसे बड़ा रहस्य बने रहे GRB को 1960 के दशक के अंत में अमेरिकी सैन्य सैटेलाइट्स द्वारा खोजा गया था. सैटेलाइट्स ने सौरमंडल के बाहर गामा किरणों के तेज विस्फोटों को पता लगाया है.


शुरुआत में रिसर्चर्स का मानना था कि इन चमकदार रोशनी का स्रोत सभी आकाशगंगाओं के केंद्रों में पाए जाने वाले विशालकाय ब्लैक होल में गिरने वाली गैस हो सकती है. वहीं, अब नए अध्ययन से पता चलता है कि ये चमकदार रोशनी आकाशगंगाओं के डिस्क में स्टार गठन से जुड़ी हुई है.


रिसर्चर्स ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) और फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप (Fermi Gamma-Ray Space Telescope) के डेटा का उपयोग किया और आकाशगंगाओं के बारे में जानकारी का विश्लेषण किया. इसमें उनकी स्टार-गठन दर, कुल द्रव्यमान, भौतिक आकार और पृथ्वी से दूरियां शामिल हैं.



 



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