अंतरिक्ष यात्रियों को है साफ कपड़ों की कमी, जल्द स्वच्छ अंडरवियर मुहैया कराएंगे वैज्ञानिक
अंतरिक्ष यात्रियों को अंडरवियर मुहैया कराएंगे वैज्ञानिक
रोटी, कपड़ा और मकान तीन प्रमुख जरूरतें हैं जिसके बिना कोई भी गुजारा नहीं कर सकता है, फिर चाहे कोई अंतरिक्ष (Space) में रहे या धरती पर. भले आप कभी अंतरिक्ष में ना गए हों, या आपने बहुत ध्यान से अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) के जीवन के बारे में ना पढ़ा हो मगर अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में एक बात तो स्वभाविक है जो आप भी समझते होंगे, वो ये कि उनका जीवन कितना मुश्क्लि है. अंतरिक्ष में जाना उतना कठिन नहीं है जितना वहां वक्त बिताना कठिन है. अंतरिक्ष यात्रियों की बड़ी चुनौतियों में से एक चुनौती है साफ कपड़ों (Clean Clothes) की कमी. यात्रियों को काफी वक्त तक एक ही कपड़ा पहने रहना पड़ता है.
अंतरिक्ष यात्रियों को साफ अंडरवियर (Clean Underwear) मिलना भी काफी मुश्किल होता है. अंतरिक्ष यान में वॉशिंग मशीन तो होती नहीं है और ना ही वो ज्यादा अंडरवियर अपने साथ ले जा सकते हैं क्योंकि सामान ले जाने की भी एक सीमा होती है. ऐसे में उन्हें कई बार वही अंडरवियर पहननी पड़ती हो जो काफी गंदी हो जाती है इससे वो स्वच्छता (Space Hygiene) नहीं कायम रख पाते. इसके लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency) कदम उठाने वाली है. एजेंसी के वैज्ञानिक सोच रहे हैं कि वो कैसे इस समस्या का समाधान ढूंढ निकालेंगे. इसके लिए एजेंसी, विएना टेक्स्टाइल लैब (Vienna Textile Lab) के साथ गठजोड़ करने वाली है.
एजेंसी ने बताया कि जब एक अंतरिक्ष यात्री तैयार होता है तो वो सबसे पहले एक मैक्सिमम एब्जोर्बेंट गार्मेंट (Maximum Absorbency Garment) पहनता है जो एक डायपर जैसा होता है. इसके बाद वो थर्मल कंफर्ट अंडरगार्मेंट (Thermal Comfort Undergarment) पहनता है फिर एक लंबी अंडरवियर पहनता है जिसे लिक्विड कूलिंग एंड वेंटिलेशन गार्मेंट (Liquid Cooling and Ventilation Garment) कहते हैं. इस गार्मेंट में लिक्विड कूलिंग ट्यूब्स होते हैं जो अंतरिक्षा यात्री को वैक्यूम में काम करने के दौरान अंदर से ठंडक और आराम देते हैं. मगर इस गार्मेंट को कई अंतरिक्ष यात्री शेयर कर के पहनते हैं इस वजह से एजेंसी ने विएना टेक्स्टाइल लैब से संपर्क किया है.
ये लैब बायोसाइडल एडवांस्ड कोटिंग टेक्नोलॉजी (Biocidal Advanced Coating Technology for Reducing Microbial Activity) का इस्तेमाल कर के माइक्रोबियल एक्टिविटी को सीमित करेंगे. यानी आसान भाषा में ये लैब सिल्वर और कॉपर जैसी चीजों का इस्तेमाल करेगी जिससे गार्मेंट में पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जा सके और अंतरिक्ष यात्री लंबे वक्त तक एक ही अंडरवियर पहन सके. मगर इससे समस्या ये है कि इस तरह के नए गार्मेंट का इस्तेमाल करने से जांघों पर घाव हो सकता है और दूसरा ये कि चांदी और कॉपर खुद भी एक वक्त में टार्निश होना शुरू हो जाएंगे जो शरीर पर नुकसान करेगा. लैब में इसको लेकर काम जारी है और ऐसे कंपाउंड को बनाया जा रहा है जो एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल हो जिससे अंडरवियर बनें तो अंतरिक्ष यात्रियों को कोई परेशानी ना हो.