एस्ट्राजेनेका के ट्रायल में त्रुटि: जिन्हें कम डोज दिया उनमें 90 फीसदी असर, पूरी खुराक देने पर 62 फीसदी

ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी वैक्सीन के ट्रायल में त्रुटि स्वीकार कर ली है,

Update: 2020-11-26 18:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :  ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी वैक्सीन के ट्रायल में त्रुटि स्वीकार कर ली है, हालांकि यह गलती भी वरदान प्रतीत हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन्हें परीक्षण में टीके का कम डोज दिया गया उन पर उसका 90 फीसदी असर हुआ, जबकि जिन्हें दो पूरी खुराक दी गई उनमें असर 62 फीसदी ही पाया गया। हालांकि अब वैक्सीन के प्रभावी होने के शुरुआती दावे को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

एस्ट्राजेनेका ने बुधवार को एक बयान जारी गलती के बारे में बताया। इससे कुछ दिन पहले कंपनी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कहा था कि प्रायोगिक टीका बेहद प्रभावी है। तब इस बात का उल्लेख नहीं किया गया था कि अध्ययन में हिस्सा लेने वाले कुछ प्रतिभागियों को टीके की दो खुराकों में से पहली वाली में उतनी मात्रा में डोज क्यों नहीं दिया गया, जितना अपेक्षा के अनुसार दिया जाना था।आश्चर्य की बात है कि अध्ययन में स्वेच्छा से हिस्सा ले रहे लोगों के जिस समूह को टीके की कम खुराक दी गई थी, वे उस समूह से अधिक बेहतर सुरक्षित लगते हैं जिन्हें पूरी खुराकें दी गई हैं।

70 फीसदी प्रभावी माना

एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कम खुराक लेने वाले समूह में टीका 90 प्रतिशत तक असरदार प्रतीत होता है, जबकि जिस समूह को पूर्ण दो खुराकें दी गई थीं, उनमें टीका 62 फीसदी तक असरदार दिखा। कुल मिलाकर दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा कि टीका 70 फीसदी तक असरदार लगता है।

विशेषज्ञों ने उठाए सवाल

लेकिन जिस तरीके से नतीजों पर पहुंचा गया है और कंपनियों ने सूचना दी है, उस पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। आंशिक परिणाम सोमवार को घोषित किए गए, जो ब्रिटेन और ब्राजील में चल रहे बड़े अध्ययन का हिस्सा हैं। इसमें टीके की सर्वोत्तम खुराक का पता लगाया जाएगा। साथ में टीका की सुरक्षा और प्रभावशीलता का भी परीक्षण किया जाएगा। 

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