यूएई से अशरफ गनी: 'काबुल में रहता तो कत्लेआम होता', पैसे लेकर भागने पर भी दी सफाई

बाइडन ने कहा कि गनी को अपने लोगों की मदद के लिए खड़ा होना चाहिए था, लेकिन वो बिना लड़े ही भाग गए।

Update: 2021-08-19 02:30 GMT

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आकर बयान दिया है। वीडियो जारी कर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से अपने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता। सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से दूर हूं। जो मुझे नहीं जानते हैं वो फैसला ना सुनाएं। तालिबान से बातचीत का नतीजा नहीं निकल रहा था।

भगोड़ा कहने से जताया एतराज


उन्होंने कहा कि भगोड़ा कहने वाले मेरे बारे में नहीं जानते हैं। मैं शांति से सत्ता सौंपना चाहता था। अशरफ गनी ने कहा कि मैंने अपने देश के लोगों को खूनी जंग से बचाया है। मैं अपने सुरक्षाबलों और सेना का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि पैसे लेकर भागने की जो बातें कहीं जा रही हैं वो बेबुनियाद है। मुझे मेरी इच्छा के खिलाफ देश से बाहर भेजा गया। सुरक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद देश छोड़ा हूं क्योंकि कोई अनहोनी हो सकती थी।
बाइडन ने अफगानिस्तान के मौजूदा संकट के लिए अशरफ गनी पर फोड़ा था ठीकरा
ज्ञात हो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के मौजूदा संकट के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को जिम्मेदार ठहराया था। बाइडन ने कहा कि गनी को अपने लोगों की मदद के लिए खड़ा होना चाहिए था, लेकिन वो बिना लड़े ही भाग गए।


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