70 बाघों का हत्यारा 20 साल बाद हुआ गिरफ्तार, पुलिस ने बताया पकड़ने में क्यों लगी देरी

70 बाघों का हत्यारा 20 साल बाद हुआ गिरफ्तार

Update: 2021-06-01 12:09 GMT

Most Wanted Poacher Arrested in Bangladesh: बांग्लादेश में 70 लुप्तप्राय बाघों की हत्या करने वाला कुख्यात शिकारी 20 साल की गई खोज के बाद पकड़ा गया है. स्थानीय पुलिस प्रमुख साइदुर रहमान ने बताया कि आरोपी जंगल के बगल में रहता था और जब भी अधिकारी यहां छापा मारते थे, वो भाग जाता था. आरोपी की पहचान हबीब तालुकदर (Habib Talukder) के तौर पर हुई है, जिसे टाइगर हबीब (Tiger Habib) के नाम से जाना जाता है. रहमान ने समाचार एंजेसी एएफपी से कहा, 'हम आखिरकार उसे पकड़े में कामियाब हुए हैं और उसे जेल भेज दिया गया है.'

तालुकदर भारत और बांग्लादेश (India Bangladesh) में फैले विशाल सुंदरवन मैंग्रोव वन क्षेत्र में शिकार किया करता था. जहां सबसे ज्यादा बंगाल टाइगर पाए जाते हैं, ये प्रजाती लुप्त होने की कगार पर है. इनमें से कुछ हजार ही जंगलों में रह रहे हैं. बाघों को मारने के बाद उनकी खाल, हड्डियों और मांस की काला बाजारी की जाती है, इन्हें चीन और अन्य स्थानों पर बेच दिया जाता है. 50 साल के इस आरोपी ने जंगल में मधुमक्खी का शहद एकत्रित करने से यहां आने की शुरुआत की थी. लेकिन वह बाद में बाघों का शिकार करने लगा.
लोगों ने बताया खतरनाक आदमी
पुलिस ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह बार-बार भाग जाता था. शहद एकत्रित करने वाले स्थानीय शख्स अब्दुस सलाम ने कहा, 'हम उसका जितना सम्मान करते हैं, उतना ही उससे डरते भी हैं. वह बहुत खतरनाक आदमी है, जो अकेले ही जंगल में मामा (बाघ) से लड़ाई कर सकता है (Bengal Tigers in Bangladesh).' मामले में स्थानीय अखबार ढाका ट्रिब्यून से बातचीत में शरनखोला स्टेशन अधिकारी मोहम्मद अब्दुल मानन ने कहा कि पुलिस और वन विभाग दोनों ने हबीब को मोस्ट वाॉन्टेड भगोड़े के रूप में सूचीबद्ध किया था.
गोपनीय तरीके से जंगल में आता था
मानन ने कहा, 'वह गोपनीय तरीके से सुंदरबन में आता था और जंगली जानवरों का शिकार करता था, जबकि लंबे समय से जंगल में प्रवेश पर रोक लगी हुई है. वह इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. इस काम में कई ताकतवर समूह भी शामिल हैं.' स्थानीय मीडिया के अनुसार, आरोपी को शनिवार की सुबह गिरफ्तार किया गया है (Poaching of Tigers). बंगाली टाइगर्स को बाघों में काफी अलग माना जाता है. बांग्लादेश में इनकी संख्या 2004 में 440 और 2015 में 106 हो गई. यहां शिकार पर रोक के बाद 2019 में ये संख्या बढ़कर 114 हो गई है.
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