पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज की बेटी और दामाद के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी
कंपनियों के निदेशक थे लेकिन आरोपी इकराम खाते पर साइन करता था.
पाकिस्तान की एक अदालत (Pakistan Court) ने शनिवार को विपक्ष के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Prime Minister Nawaz Sharif) के भाई शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) की बेटी और और दामाद को भ्रष्टाचार के मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया. लाहौर (Lahore) की जवाबदेही अदालत साफ पानी कंपनी भ्रष्टाचार (Corruption) मामले में राबिया इमरान और उनके पति अली इमरान युसुफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी कर चुकी है.
अधिकारियों ने बताया कि राबिया और युसुफ दोनों ही भागकर ब्रिटेन चले गए हैं. जवाबदेही अदालत ने अगली सुनवाई के दिन राबिया और युसुफ की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शरीफ ने पूरे घटनाक्रम को 'राजनीतिक प्रताड़ना' बताया है.
2020 से जेल में बंद शाहबाज शरीफ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार ने उनके परिवार की महिलाओं को फर्जी मामलों में फंसाया है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ 700 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सितंबर, 2020 में गिरफ्तारी के बाद से लाहौर के कोटलखपत जेल में बंद हैं. शाहबाज के बेटे सुलेमान शाहबाज फिलहाल ब्रिटेन में हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वह भी भगोड़ा अपराधी घोषित हैं.
पिछले साल लाहौर हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने शहबाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और उन्हें राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार कर लिया था. शहबाज शरीफ ने आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत मांगी थी.
'शरीफ की गिरफ्तारी जरूरी'
एनएबी के प्रॉसीक्यूटर फैसल बुखारी ने कहा था कि शरीफ की गिरफ्तारी जरूरी थी, क्योंकि उनसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की जाएगी. बुखारी ने शरीफ की जमानत याचिका को चुनौती दी थी. उन्होंने तर्क दिया था कि शाहबाज के परिवार की महिलाओं को एक प्रश्नावली जारी की गई थी लेकिन उन पर कोई जवाब नहीं आया.
बुखारी ने अदालत को बताया था कि अली अहमद और निसार अहमद 2009 से शहबाज के कर्मचारी थे, जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री थे. इन दोनों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग किया गया. उनके नाम के तहत दो कंपनियां थीं और वे कंपनियों के निदेशक थे लेकिन आरोपी इकराम खाते पर साइन करता था.