एंटनी ब्लिंकन: अफगानिस्‍तान और तालिबान के मुद्दे पर भारत से हुई बातचीत, रही काफी सार्थक

अमेरिका ने घोषणा की है कि जब तक उनके वहां पर सैनिक या कोई भी नागरिक है तब तक बची हुई फौज भी वहीं पर रहेगी।

Update: 2021-08-20 02:38 GMT

अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्‍तान और तालिबान के मुद्दे पर भारत से हुई बातचीत काफी सार्थक रही है। इस बातचीत में दोनों ही देश इस बात को लेकर सहमत हुए हैं कि अमेरिका और भारत दोनों ही आपसी सामंजस्‍य बनाए रखेंगे। ये बात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने ट्वीट के माध्‍यम से की है। आपको बता दें कि इन भारतीय विदेश मंत्री कुछ दिनों से अमेरिका में हैं। उनके इस दौरे का मकसद संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का नेतृत्‍व करना और अफगानिस्‍तान के बदले हुए हालातों पर चर्चा करना था।

गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा किया था। इसके बाद से ही वहां के हालातों पर लगातार अमेरिका, भारत और दूसरे देश नजर बनाए हुए हैं। इस संबंध में जयशंकर ने अपने एक ट्वीट में बताया है कि उन्‍होंने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब से भी बात की है। इस बातचीत का मकसद अफगानिस्‍तान का विकास और वर्तमान में आए संकट को सुलझाना था। इसके अलावा जयशंकर ने ये भी बताया है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद में आईएसआईएल खुरासान पर भी विचार विमर्श हुआ है।
आपको बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद वहां की जेलों में बंद सभी आतंकियों को रिहा कर दिया है। इन आतंकियों और आतंकी गुटों का अब तालिबान को खुला समर्थन भी मिल रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर कई बार ये बात कही जा चुकी है कि तालिबान के यहां पर आने के बाद ये देश आतंकियों की फसल उगाने और लहलहाने का जरिया बन सकता है। इसको लेकर पूरी विश्‍व बिरादरी काफी चिंतित है।
फिलहाल भारत समेत अधिकतर बड़े देशों का मकसद वहां पर मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी को लेकर है। यूरोपीय संघ भी अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी को लेकर चिंतित है और तालिबान से बात करना चाहता है। अमेरिका ने घोषणा की है कि जब तक उनके वहां पर सैनिक या कोई भी नागरिक है तब तक बची हुई फौज भी वहीं पर रहेगी।


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