Antony Blinken: चीन के 'गैरकानूनी' दावों को विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने किया खारिज, म्यांमार पर कार्रवाई करने को कहा

म्यांमार पर कार्रवाई करने को कहा

Update: 2021-07-14 16:01 GMT

US Secretary of State Antony Blinken on Myanmar Issue: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के अपने समकक्षों से म्यांमार में हिंसा समाप्त करने, उसे लोकतांत्रिक मार्ग पर वापस लाने और सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए संयुक्त रूप से दबाव बनाने की बुधवार को अपील की है. ब्लिंकन ने यह अपील उस वीडियो कॉन्फ्रेंस में की, जिसमें सैन्य नेतृत्व वाले देश के शीर्ष राजनयिक शामिल हुए थे. दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात में ब्लिंकन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के 'गैरकानूनी' दावों को अमेरिका द्वारा खारिज किए जाने पर भी बल दिया.


उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन की 'हठ' के सामने उन देशों के साथ खड़ा है, जो सागर विवाद में बीजिंग से उलझे हुए हैं (US on China's Claim). विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन की 10 राष्ट्रों वाले समूह के साथ बैठक में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मुद्दे पर भी बात की गई क्योंकि बढ़ते संक्रमण के कारण दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के अस्पताल भरे हुए हैं और एक वक्त फल-फूल रही उनकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है.


ब्लिंकन ने हिंसा समाप्त करने पर जोर दिया
प्राइस ने म्यांमार के पुराने नाम का इस्तेमाल करते हुए एक बयान में कहा, 'ब्लिंकन ने आसियान से बर्मा में हिंसा को समाप्त करने, उसके लोकतांत्रिक परिवर्तनकाल को बहाल करने और अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई के लिए संयुक्त कार्रवाई की अपील की है.' अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र सैन्य तख्तापलट (Myanmar Military Coup) के सबसे मुखर विरोधी रहे हैं, जिसने फरवरी में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था.

सू की सहित शीर्ष सदस्य हुए थे गिरफ्तार
सू की को राष्ट्रपति विन मिंट समेत उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (National League For Democracy) के शीर्ष सदस्यों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. वह अब भी रिहा नहीं हुई हैं और उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सू की ने फरवरी के बाद से सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, बल्कि उनकी तरफ से जो कुछ भी कहा जाता है, वह उनके वकील ही बताते हैं. इस समय म्यांमार कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है. वहां मामले बढ़ रहे हैं और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है. सू की की सरकार ने पिछली दो लहरों को नियंत्रित कर लिया था लेकिन इस समय देश की कमान सेना के हाथों में है.


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