चीनी दबाव में चलता रहा भारत विरोधी अभियान, मालदीव सरकार ने रिश्ते मजबूत करने की दिशा में बढ़ाए कदम

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व में चीन के दबाव के चलते मालदीव में ‘इंडिया आउट' अभियान चल रहा है। यामीन के बाद नई सालेह सरकार ने भारत से रिश्ते मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

Update: 2022-03-12 00:41 GMT

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व में चीन के दबाव के चलते मालदीव में 'इंडिया आउट' अभियान चल रहा है। यामीन के बाद नई सालेह सरकार ने भारत से रिश्ते मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। भारत-मालदीव संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वालों को रोकने के लिए मालदीव की संसद में हाल ही में एक विधेयक भी पेश किया गया है।

विदेश मंत्रालय के विदेश सचिव, मालदीव अब्दुल गफूर मोहम्मद ने कहा, 'इंडिया आउट' अभियान को लेकर सिर्फ भारत ही चिंतित नहीं था, बल्कि अन्य देशों ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई व सुरक्षा मजबूत करने का अनुरोध सालेह सरकार से किया।

भारत-मालदीव ने 2021 में सिफवारु-उथुरु थिलाफल्हू (यूटीएफ) में मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल तटरक्षक बल के बंदरगाह को विकसित करने का समझौता किया था। यामीन इसे राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा बताकर विरोध करते रहे हैं, क्योंकि समझौते के तहत इस बंदरगाह का उपयोग भारतीय नौसेना भी करेगी।

हालांकि, सालेह सरकार साफ कर चुकी है कि समझौते से राष्ट्रीय सुरक्षा-संप्रभुता को कोई खतरा नहीं है। मालदीव वॉयस की रिपोर्ट के मुताबिक यूटीएफ समझौते के खिलाफ यामीन समर्थकों ने कई प्रदर्शन किए और वे बिल के विरुद्ध भी शोर मचा रहे हैं। सालेह सरकार भारत-विरोधी अभियान का पूरी ताकत से जवाब दे रही है।


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