दो सीट के उपचुनाव में हार के बाद जॉनसन को एक और झटका, फिर कंजर्वेटिव पार्टी चीफ ने दिया इस्तीफा
इस प्रकरण पर सांसद ने यह कहकर सफाई देने की कोशिश की थी कि वह अपने फोन पर ट्रैक्टरों की तस्वीरें खोज रहे थे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. गुरुवार को जॉनसन को राजनीति के मैदान में एक के बाद एक तीन बड़े झटके लगे हैं. पहले तो उनकी कंजर्वेटिव पार्टी दो अहम संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव हार गई और इसके बाद उनकी पार्टी के अध्यक्ष एवं उनके निकटतम सहयोगी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. दक्षिण-पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र टिवर्टन और होनिटोन में गुरुवार को 'लिबरल डेमोक्रेट्स' ने जीत दर्ज की, जबकि उत्तरी इंग्लैंड का वेकफील्ड निर्वाचन क्षेत्र मुख्य विपक्षी दल 'लेबर पार्टी' के खाते में गया.
जॉनसन के लिए जनमत संग्रह के रूप में था यह चुनाव
डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी कानूनों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रम यानी 'पार्टीगेट' घोटाले से हुए विवाद के बाद इन चुनाव को पार्टी में 58 वर्षीय जॉनसन के नेतृत्व के लिए और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में उनके लिए एक जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा था. पार्टी अध्यक्ष ओलिवर डाउडेन ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि, ''हम पहले की तरह कामकाज जारी नहीं रख सकते.'' ऐसा माना जा रहा है कि शेष कैबिनेट भी नेता को अपदस्थ करने में उनके साथ जुड़ सकती है.
अध्यक्ष ने जिम्मेदारी लेते हुए दिया इस्तीफा
डाउडेन ने आगे कहा कि, ''हमारे समर्थक हाल की घटनाओं से व्यथित एवं निराश हैं और मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं. किसी को इन सबकी जिम्मेदारी लेनी होगी और मैंने निष्कर्ष निकाला है कि इन परिस्थितियों में मेरा पद पर बने रहना उचित नहीं होगा.'' जॉनसन के नेतृत्व को लेकर कुछ नेताओं द्वारा असंतोष जताए जाने के बाद डाउडेन इस्तीफा देने वाले पहले कैबिनेट मंत्री हैं. विवादों में घिरे जॉनसन ने हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव जीता था. कंजर्वेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया था, जबकि 148 ने उनके खिलाफ वोट किया था.
2 सांसदों के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी सीटें
वेकफील्ड और टिवर्टन एवं होनिटोन सीट कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों के अलग-अलग वजह से इस्तीफा देने की वजह से खाली हुई थी. इनमें से एक सांसद को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया था, जबकि दूसरे को हाउस ऑफ कॉमन्स (संसद के निचले सदन) के कक्ष में अश्लील वीडियो (पोर्नोग्राफी) देखते पाया गया था. हालांकि इस प्रकरण पर सांसद ने यह कहकर सफाई देने की कोशिश की थी कि वह अपने फोन पर ट्रैक्टरों की तस्वीरें खोज रहे थे.