60 साल के वरिष्ठ नागरिकों को अब कोविड-19 वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक देने की घोषणा, नहीं दिया जाएगा 'बूस्टर'
जिसका समाधान आगे के अध्ययनों से होगा.
चीन (China) ने 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को कोविड-19 रोधी टीका लगाने की अपनी योजना की अंतत: घोषणा कर दी है. चीन के मुताबिक 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को सिर्फ एक ही खुराक लगाई जाएगी और 'बूस्टर' (Booster) नहीं दिया जाएगा क्योंकि इसकी सिफारिश फिलहाल नहीं की गई है. मीडिया में आई एक खबर में मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई.
सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के मुताबिक चीन में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड-19 रोधी टीके दिए जा चुके हैं लेकिन ये सिर्फ 18 से 59 साल के लोगों को दिए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि 59 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका दिया जाना अभी बाकी है.
नाबालिगों को करना होगा इंतजार
चीन यह भी कहता है कि उसने करीब 10 करोड़ टीके विदेश भेजे हैं लेकिन अपने बुजुर्गों को टीका लगाना अभी बाकी है. हाल में जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 26 करोड़ से ज्यादा है. एनएचसी ने कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सोमवार को अपने पहले आधिकारिक दिशानिर्देश में बताया कि 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा.
एनएचसी के मुताबिक मौजूदा नैदानिक अनुसंधानों के आंकड़ों ने नजर आता है कि टीके वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यह भी कहा गया कि कोविड-19 टीकों की 'बूस्टर' खुराक दिए जाने की सिफारिश अभी नहीं की गई है. दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए फिलहाल टीकाकरण की सिफारिश नहीं की गई है.
वुहान से लौटी WHO टीम ने जारी की रिपोर्ट
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ने बीते दिनों कोरोना उत्पत्ति की जांच करने के लिए वुहान का दौरा किया था, जहां 2019 में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. मंगलवार को इस टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की. रिपोर्ट में कोरोना के स्रोत का पता नहीं चल सका है. रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि सभी सवालों के जवाब पाने के लिए आगे और रिसर्च किए जाने की जरूरत है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि हमें विज्ञान का पालन करना जारी रखना चाहिए और कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़नी चाहिए. मीडिया संस्थानों को मिली डब्ल्यूएचओ की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह रिपोर्ट सवाल उठाते हुए हमारी समझ को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाती है जिसका समाधान आगे के अध्ययनों से होगा.