अमरुल्ला सालेह: अफगानिस्तान को निगलना पाकिस्तान के बस की बात नहीं, तालिबान के लिए भी नहीं होगा संभव
जिसका गठन 1996 में तालिबान के सत्ता में आने पर हुआ था। हाल ही में, उन्होंने कहा था कि वह तालिबान के आगे कभी भी नहीं झुकेंगे।
अफगानिस्तान के स्वघोषित 'कार्यवाहक' राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने गुरुवार को कहा कि देश इतना बड़ा है कि पाकिस्तान निगल नहीं सकता और तालिबान के शासन के लिए और भी बड़ी बात है। सालेह ने एक में कहा, 'राष्ट्रों को कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए, हिंसा का नहीं। अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान निगल नहीं सकता है और तालिबान के शासन के लिए बहुत बड़ा है।'
उनकी टिप्पणी व्हाइट हाउस के एक पूर्व अधिकारी माइकल जॉन्स के ट्वीट के जवाब में थी, जिसमें कहा गया था, '2004 में अपनाया गया अफगानिस्तान का संविधान, उन परिस्थितियों में राष्ट्र के शासन को संबोधित करता है जैसे कि अभी सामने आया है। ऐसे में पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह राष्ट्रपति पद की भूमिका ग्रहण करते हैं। राष्ट्रों को कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए, हिंसा का नहीं।
इस पर सालेह ने लिखा, 'अपने इतिहास को आतंकवादी समूहों के अपमान और झुकने पर एक अध्याय न बनने दें।' बता दें कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने के बाद 17 अगस्त को सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। रविवार को काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसकर आतंकी समूह ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया।
पंजशीर घाटी के मूल निवासी सालेह उत्तरी गठबंधन का सदस्य थे, जिसका गठन 1996 में तालिबान के सत्ता में आने पर हुआ था। हाल ही में, उन्होंने कहा था कि वह तालिबान के आगे कभी भी नहीं झुकेंगे।