यूक्रेन संकट के बीच बाइडन ने पूर्व अधिकारी को भेजा ताइवान, चीन भड़का
चीन ने मंगलवार को धमकाने वाले अंदाज में कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए अमेरिका को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
चीन ने मंगलवार को धमकाने वाले अंदाज में कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए अमेरिका को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश के पूर्व रक्षा अधिकारी की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान भेजा है। प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ताइपे पहुंचा है। ताइवान को डर है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की तरह चीन भी उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी दे चुका है।
दरअसल, पश्चिम की प्रतिक्रियाओं को चीन काफी करीब से मानिटर कर रहा है ताकि ताइवान के प्रति वह अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने में कामयाब हो सके। इस क्रम में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से ताइवान के डिफेंस आइडेंटीफिकेशन जोन (ADIZ) में एयर पेट्रोलिंग कर रहा है। उदाहरण के लिए पिछले साल 950 सार्टी उतारे गए जो 2020 की तुलना में दोगुने से भी अधिक थे। खबर है कि अमेरिका का एक युद्धपोत शनिवार को ताइवान के समीप से गुजरा था। यूक्रेन संकट के बीच हुई इस घटना पर चीन ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी।
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के पूर्व चेयरमैन माइकल मुलेन की अगुआई में पहुंचा प्रतिनिधिमंडल दो दिनों की यात्रा में ताइवान राष्ट्रपति त्साइ इंग-वेन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेगा। ताइवान विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो भी बुधवार को ताइवान पहुंच रहे हैं।