सीमा-विवाद के बीच चीन ने S. Jaishankar की सराहना करते हुए कही ये बात
चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) के साथ सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीजिंग: सीमा-विवाद (Border Dispute) के बीच चीन (China) ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) की सराहना करते हुए उनसे सुझाव पर सहमति जताई है. चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) के साथ सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री का सुझाव सराहनीय है.
'भारत संबंधों को देता है महत्व'
चीनी अध्ययन पर 13वें अखिल भारतीय सम्मेलन में जयशंकर (S. Jaishankar) के ऑनलाइन संबोधन के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने कहा कि जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों में सुधार के महत्व पर जोर दिया. इससे पता चलता है कि भारतीय पक्ष चीन के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और हम इसकी सराहना करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात पर जोर देते हैं कि सीमा विवाद को संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
India से है ये उम्मीद
चीनी प्रवक्ता ने कहा, 'संबंधों को आगे बढ़ाने के अपने वर्षों पुराने प्रयास के माध्यम से हमने यह महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया है कि किसी एक मुद्दे की वजह से संपूर्ण द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि मतभेदों को उचित रूप से सुलझाने, व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को वापस पटरी पर लाने के लिए भारत हमारे साथ काम करेगा'.
क्या कहा था Jaishankar ने?
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए गुरुवार को आठ सिद्धांतों के बारे में बताया था. जिनमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के प्रबंधन पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन, आपसी सम्मान एवं संवेदनशीलता और एशिया की उभरती शक्तियों के रूप में एक-दूसरे की आकांक्षाओं को समझना शामिल है. उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल हुईं घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को काफी ज्यादा प्रभावित किया है.
'Tension की अनदेखी नहीं कर सकते'
विदेश मंत्री ने आगे कहा था कि नियंत्रण रेखा का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए और यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि सीमा पर तनाव की अनदेखी कर यह उम्मीद करना कि जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा वास्तविकता नहीं है. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल पांच हुई हिंसक घटना के बाद से दोनों देशों में तनाव है. विवाद के हल के लिए अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है.