अमेरिका का साउथ डकोटा भी बन गया एक टैक्स हैवेन

इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जनर्लिस्ट्स (आईसीआईजे) ने पंडोरा पेपर्स नाम से जो नए खुलासे किए है

Update: 2021-10-04 14:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जनर्लिस्ट्स (आईसीआईजे) ने पंडोरा पेपर्स नाम से जो नए खुलासे किए हैं, उनसे सामने आया एक अहम तथ्य यह है कि अमेरिका का साउथ डकोटा राज्य भी अब एक टैक्स हैवेन बन गया है। उसका नाम उन स्थानों में शामिल हो गया है, जहां दुनिया के धनी-मानी लोग अवैध या अनैतिक ढंग से अपने धन को लाकर रखते हैं। इन दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका के डेलावेयर, नवादा और वायमिंग जैसे क्षेत्रों में पहले से ही टैक्स फ्री धन रखने की सुविधा है।

पंडोरा पेपर्स दुनिया के जिन प्रमुख अखबारों में एक साथ छप रहा है, उनमें फ्रांस का अखबार ला मोंद भी है। इस अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है- 'अमेरिका तेजी से देश से बाहर धन रखने का केंद्र (ऑफशोर फाइनेंशियल सेंटर) बनता जा रहा है। पंडोरा पेपर्स से दस्तावेजों के साथ उस बात की पुष्टि हुई है, जिसे कई एनजीओ और अर्थशास्त्री पहले से कहते रहे हैं। वे एनजीओ और अर्थशास्त्री टैक्स हैवेन्स (कर बचाने के अड्डों) के बारे में दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत (अमेरिका) के अस्पष्ट राजनीतिक रुख की निंदा करते रहे हैं। अमेरिका एक तरफ विदेशी टैक्स हैवैन्स से लड़ने की बात करता है, जबकि उसने डेलावेयर, नेवाडा और वायोमिंग जैसे अपने ही क्षेत्रों को टैक्स फ्री जोन के रूप में उभरने दिया है।'
आईसीआईजे के खोजी पत्रकारों के मुताबिक साउथ डकोटा अमेरिका का चौथा राज्य है, जो गोपनीय ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन की अनुमति देकर फूल-फल रहा है। आईसीआईजे के मुताबिक ट्रस्ट एक ऐसा ढांचा है, जो पूरी तरह गोपनीयता पर आधारित है। इसके तहत धनी-मानी लोग अपनी संपत्ति (नकदी, महल, शेयर, महंगी कलाकृतियां आदि) किसी ट्रस्ट को ट्रांसफर कर देते हैं। इस तरह वह संपत्ति उनके नाम पर नहीं दिखती। जबकि ट्रस्ट असल में उनके ही हाथ में होता है। टैक्स हैवेन्स में ऐसे ट्रस्ट गोपनीय रूप से रजिस्टर्ड करवाए जाते हैं।


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