अमेरिका के कोविड-19 रोधी तीसरे टीके से उठ सकते हैं सवाल, लोग बोल सकते है, 'सबसे बेस्ट कौन?'
बल्कि एक अच्छी खबर है’ और इससे महामारी को रोकने में मदद मिलेगी.
अमेरिका (America) को कोविड-19 से बचाव का तीसरा टीका (Third Covid-19 Vaccine) मिलने जा रहा है जिससे अब देश में ये सवाल उठ सकते हैं कि तीनों में से कौन सा टीका बेस्ट है. अगर इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) की मंजूरी मिल जाती है तो जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) का टीका अमेरिका में महामारी के खिलाफ तीसरा टीका होगा. इसकी खास बात यह है कि अन्य टीकों की दो खुराक (Two Dose) के विपरीत इस टीके की एक ही खुराक देने की जरूरत होगी.
माना जा रहा है कि इससे कोरोना वायरस संक्रमण से जूझे रहे अमेरिका में टीकाकरण की गति तेज हो सकती है. बता दें कि अमेरिका में महामारी से अब तक पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मैरियन काउंटी, इंडियाना के जनस्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉक्टर वर्जीनिया कैनी ने कहा कि जिस टीके का इस्तेमाल आसान होगा, अधिकारियों के लिए वही टीका अधिक मनमाफिक होगा.
नए वैरिएंट के बीच हुआ नई वैक्सीन का ट्रायल
उन्होंने कहा कि चुनौती यह होगी कि अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना के टीकों की बड़ी सफलता के बाद यह समझाना चुनौतीपूर्ण होगा कि जॉनसन एंड जॉनसन का टीका कितना प्रभावी है. मॉडर्ना और फाइजर टीके की दो खुराक कोराना वायरस के खिलाफ लगभग 95 प्रतिशत प्रभावी पाई गई हैं.
जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की एक खुराक महामारी के गंभीर मामलों में 85 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है, जबकि हल्के मामलों को देखें तो इसका प्रभाव लगभग 66 प्रतिशत रह जाता है. इस टीके का ट्रायल अमेरिका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में ऐसे समय हुआ है जब वायरस के अधिक घातक नए स्वरूप भी सामने आ गए हैं, जबकि मॉडर्ना और फाइजर के टीकों के परीक्षण के समय यह स्थिति नहीं थी.
उठ सकता है 'सबसे बेस्ट कौन' का सवाल
देश में अनेक लोगों के मन में सवाल उठ सकते हैं कि वे तीनों में से किस टीके का विकल्प चुनें और इनमें से कौन सा टीका सबसे बेहतर है. अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फौसी ने गुरुवार को कहा था कि अगर कोरोना वायरस रोधी कोई टीका उपलब्ध है तो यह लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस बारे में विचार नहीं किया जाना चाहिए कि यह कौन सा टीका है. डॉक्टर ने एनबीसी से कहा कि उपलब्ध होने जा रहा तीसरा टीका 'कुछ और नहीं, बल्कि एक अच्छी खबर है' और इससे महामारी को रोकने में मदद मिलेगी.