अमेरिका की रूस पर बड़ी कार्रवाई, नवलनी मामले को लेकर लगाए प्रतिबंध

किसी ने सरकार की आलोचना की तो उसका भी यही हाल होगा.

Update: 2021-03-03 02:39 GMT

अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन (US President Joe Biden Administration) ने रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी (Alexei Navalny) पर जानलेवा हमले और बाद में उन्हें जेल में डालने को लेकर रूस (Russia) के अधिकारियों और व्यापारों पर मंगलवार को प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों ने उन अधिकारियों की तत्काल पहचान नहीं बताई जिन पर प्रतिबंध (Sanctions) लगाया गया है.

बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी 'रसायन और जैविक शस्त्र नियंत्रण और युद्ध उन्मूलन अधिनियम के तहत 14 व्यापार और अन्य उद्यमों पर भी प्रतिबंधों का ऐलान किया. इनमें से ज्यादातर जैविक रसायन जहर बनाते हैं. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी खुफिया समुदाय का निष्कर्ष है कि रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने पिछले साल अगस्त में नवलनी पर रूसी नर्व एजेंट (एक तरह का जहर) 'नोविचोक' का इस्तेमाल किया है.
यूरोप पहले ही लगा चुका है प्रतिबंध
बाइडेन प्रशासन द्वारा पहली बार रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. प्रशासन ने रूस के विपक्षी नेताओं पर कथित हमले और अमेरिकी एजेंसियों और कारोबारों को हैक करने को लेकर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुकाबला करने का संकल्प लिया हुआ है. बाइडेन प्रशासन ने यूरोपीय संघ के साथ प्रतिबंधों का समन्वय किया. ईयू पहले ही नवलनी मामले में रूस के कुछ अधिकारियों को प्रतिबंधित कर चुका है.
ईयू ने मंगलवार को नए प्रतिबंधों की घोषणा की जिनमें नवलनी को जेल भेजने को लेकर रूस के आला अधिकारियों को निशाना बनाया गया है. नवलनी (44) रूस के नर्व एजेंट हमले में बीमार पड़ गए थे. इस हमले को अमेरिका और अन्य ने पुतिन की सुरक्षा सेवा से जोड़ा. जर्मनी में महीनों के इलाज के बाद नवलनी जनवरी में रूस पहुंचे जहां मास्को में उन्हें पेरोल का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
जांच और नवलनी को रिहा किए जाने की मांग
इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र से जुड़े दो शीर्ष मानवाधिकार अधिकारियों ने रूसी विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जहर दिए जाने के मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराए जाने और उन्हें जेल से तुरंत रिहा करने की थी. मानवाधिकार संबंधी मामलों के लिए विशेष संयुक्त राष्ट्र दूत एग्नस कॉलमर्ड और आईरीन खान ने कहा कि विपक्षी नेता नवलनी को जहर दिए जाने का मामला 'स्पष्ट और भयावह चेतावनी देने के लिए था कि अगर किसी ने सरकार की आलोचना की तो उसका भी यही हाल होगा.


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