अमेरिकी साइंटिस्ट ने तैयार किया Corona का घातक स्ट्रेन, रिसर्च पर उठ रहे सवाल

अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 80% मृत्यु दर के साथ एक नया COVID-19 स्ट्रेन तैयार किया है. फॉक्स न्यूज के मुताबिक कथित रूप से इसी तरह के चीन की लैब में प्रयोगों की एक सिरीज दुनिया भर में महामारी का कारण बनी थी.

Update: 2022-10-19 01:34 GMT

अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 80% मृत्यु दर के साथ एक नया COVID-19 स्ट्रेन तैयार किया है. फॉक्स न्यूज के मुताबिक कथित रूप से इसी तरह के चीन की लैब में प्रयोगों की एक सिरीज दुनिया भर में महामारी का कारण बनी थी. फ्लोरिडा और बोस्टन के शोधकर्ताओं के एक समूह ने विश्वविद्यालय की लैब में इस रिसर्च को अंजाम दिया है. इस रिसर्च की खबरों के सामने आते ही एक्सपर्ट्स ने वैज्ञानिकों की आलोचना की है. इस रिसर्च में इस्तेमाल किए गए 80 प्रतिशत चूहे मारे गए. विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी वैज्ञानिक आग से खेल रहे हैं.

अमेरिकी लैब में घातक रिसर्च!

विश्वविद्यालय ने बताया कि कोरोना का यह स्ट्रेन ओमिक्रॉन और वुहान के मूल वायरस का काम्बिनेशन है. शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन से स्पाइक प्रोटीन निकाला और इसे उस स्ट्रेन के साथ मिला दिया, जिसे शुरू में चीन के वुहान में महामारी की शुरुआत में खोजा गया था. फिर उन्होंने रिकॉर्ड किया कि संक्रमित चूहों ने हाइब्रिड स्ट्रेन पर कैसे प्रतिक्रिया दी. विशेषज्ञों के अनुसार नए संस्करण में ओमिक्रॉन स्ट्रेन की तुलना में पांच गुना अधिक संक्रामक वायरस कण हैं.

रिसर्च पर उठ रहे सवाल

यह रिसर्च फ्लोरिडा और बोस्टन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्कूल की नेशनल इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज लेबोरेटरीज में किया. यह प्रयोगशाला अमेरिका में 13 जैव सुरक्षा स्तर 4 प्रयोगशालाओं में से एक है. यह COVID और इबोला जैसी खतरनाक रिसर्च परियोजनाओं में लगी हुई है.

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की आलोचना

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर शमूएल शापिरा ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह से प्रतिबंधित होना चाहिए.


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