अमेरिकी एनएसए सुलीवन और जयशंकर ने की मुलाकात, कहा- मिलकर खत्म करेंगे कोरोना महामारी

जैक सुलीवन, अमेरिकी एनएसए

Update: 2021-05-29 02:32 GMT

अब तक लाखों लोगों की जान ले चुकी कोविड-19 (कोरोना वायरस) की वैश्विक महामारी को भारत और अमेरिका ने मिलकर खत्म करने का बीड़ा उठाया है। अमेरिका के दौरे पर गए हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलीवन के बीच मुलाकात में इस अभियान पर सहमति जताई गई।

साथ ही बैठक के दौरान दोनों देशों की जनता का आपसी संपर्क बढ़ाने, भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अभियान में दुनिया का नेतृत्व संभाले रखने पर भी सहमति जताई गई।
अमेरिका अब तक भारत को कोविड-19 संकट से निपटने के लिए 50 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद दे चुका है। इस मदद में चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर और आवश्यक इंजेक्शन आदि शामिल है। जयशंकर के साथ बैठक में अमेरिका ने यह सहयोग जारी रखने का वादा किया है। बैठक के बाद अमेरिकी एनएसए जैक सुलीवन ने ट्वीट में कहा, हम वैश्विक महामारी का खात्मा एकसाथ मिलकर करेंगे। जयशंकर शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से भी मुलाकात करेंगे।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्न ने बताया कि बैठक के दौरान सुलीवन और जयशंकर ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बात की। दोनों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और भारत का साथ मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमति जताई। होर्न ने कहा, दोनों नेता इस पर भी सहमत हुए कि जनता का जनता से संपर्क और साझा मूल्य अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी की नींव हैं, जो वैश्विक महामारी का खात्मा करने, स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत बनाए रखने और जलवायु संबंधी चुनौतियों को वैश्विक नेतृत्व देने में मदद कर रही है।
जयशंकर ने सुलीवन के अलावा अमेरिका की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक व विपक्ष रिपब्लिकन, दोनों ही पार्टियों के कई बेहद शक्तिशाली सांसदों से भी मुलाकात की।
चीन की आक्रामकता के चलते अहम बैठक
हिंद-प्रशांत क्षेत्र और खासतौर पर हिंद महासागर में चीन की आक्रामक उपस्थिति के चलते भारत-अमेरिका की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। भारत, अमेरिका और कई अन्य वैश्विक शक्तियां इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य युद्धाभ्यास और आक्रामकता को देखते हुए एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए मुखर हो रही हैं।
टीकों को पेटेंट मुक्त कराने पर भी बात
विदेश मंत्री जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ही अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई से भी अहम मुलाकात की। इस मुलाकात का मकसद दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार से जुड़े मसलों पर बातचीत के अलावा कोरोना टीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों (इंटेलेक्चुअल पेटेंट राइट्स या आईपीआर) को लेकर भी समर्थन मांगना था।
बता दें कि भारत और दक्षिण अफ्रीका लगातार विश्व व्यापार संगठन से इन टीकों को पेटेंट के दायरे से बाहर कर सभी देशों को इनका उत्पादन करने देने की मांग कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर टीकों की किल्लत दूर हो सके और कमजोर देशों की भी टीके तक कम कीमत में पहुंच संभव हो सके। अमेरिका की तरफ से ताई ने पिछले दिनों इस अभियान का समर्थन किया था। ताई से बैठक के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा, हमारी रणनीतिक साझेदारी के मूल में व्यापार, प्रौद्योगिकी और कारोबारी सहयोग है। कोविड महामारी के बाद आर्थिक सुधार के लिए इन्हें बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
भारत-अमेरिका व्यापार
9वें नंबर का ट्रेड पार्टनर है अमेरिका के लिए भारत
24.8 अरब डॉलर का व्यापार इस साल जनवरी से मार्च तक हुआ दोनों देशों में
1.98 लाख नौकरियां टिकी थीं अमेरिका के भारत को वस्तु व सेवा निर्यात से 2015 में
82 हजार नौकरियां वस्तु निर्यात और 1.16 लाख रोजगार सेवा निर्यात पर निर्भर
बाइडन प्रशासन में भारतीय मंत्री का पहला दौरा
अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद जयशंकर का दौरा किसी भारतीय कैबिनेट मंत्री की वहां की पहली यात्रा है।
एनएसए जैक सुलीवन से मिलकर प्रसन्नता हुई। हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। कोविड से निपटने के लिए अमेरिका की तरफ से दिखाई गई एकजुटता सराहनीय रही। टीके को लेकर भारत-अमेरिका की साझेदारी बड़ा बदलाव ला सकती है। - एस. जयशंकर, विदेश मंत्री, भारत
दोनों देशों के लोगों का एकदूसरे से संपर्क और हमारे मूल्य अमेरिका-भारत साझेदारी की नींव हैं और यह साझेदारी वैश्विक महामारी का खात्मा करने, जलवायु संबंधी मामले का नेतृत्व करने और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करने के लिए हमारी मदद करेगी। - जैक सुलीवन, अमेरिकी एनएसए

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