वाशिंगटन: अमेरिका ने संकटग्रस्त गाजा पट्टी में जारी इजरायल और हमास की जंग के सीजफायर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव को मंगलवार को वीटो कर दिया। अरब समर्थित संयुक्त राष्ट्र का यह प्रस्ताव मानवीय संघर्षविराम के लिए आया था। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में मतदान 13 के मुकाबले 1 रहा, जबकि ब्रिटेन वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं था। यह 4 महीने से भी ज्यादा लंबी जंग को खत्म करने के लिए व्यापक वैश्विक समर्थन को दर्शाता है। यह जंग दक्षिणी इजरायल पर हमास के अचानक आक्रमण के साथ शुरू हुई थी। हमास के हमले में इजरायल के लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था। हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई थी कि वह हमास के खात्मे से पहले गाजा में लड़ाई नहीं रोकेंगे। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, तब से इजरायल के सैन्य हमले में 29,000 से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे गए हैं। इजरायल के हमले में हजारों लोग घायल भी हुए हैं और पूरे गाजा में खाने-पीने जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है। बता दें कि यह गाजा में सीजफायर की मांग वाले सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अमेरिका का तीसरा वीटो था। इससे पहले इजरायल के विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा का उनके देश में तब तक स्वागत नहीं किया जाएगा जब तक वह उस बयान के लिए माफी नहीं मांगते जिसमें उन्होंने गाजा में जारी युद्ध की तुलना नरसंहार से करते हुये इजरायल पर गंभीर आरोप लगाए थे। इथियोपिया में अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन में ब्राजीली राष्ट्रपति ने रविवार कहा था, ‘गाजा पट्टी और फिलीस्तीनी लोगों के साथ जो हो रहा है वह इतिहास में कभी नहीं देखा गया। ऐसा तब हुआ था जब हिटलर ने यहूदियों के नरसंहार का फैसला लिया था।’