मतभेद दूर करना की कोशिश में अमेरिका, ताजा बयान से लग रहे कयास
जिस तरह से ताइवान को मोहरा बनाकर इस्तेमाल कर रहा है, वह इनकी जहरीली प्रवृत्ति को दर्शाती है।
ताइवान के साथ बढ़ती नजदीकियां अमेरिका और चीन (America China) के बीच पहले से जारी नफरत की आग को और हवा दे रही है। मगर शायद अमेरिका चीन के साथ अपने खराब संबंध को ठीक करना चाहता है। दरअसल, बुधवार को अमेरिका (America) ने कहा कि उन्होंने चीन के साथ बातचीत के लिए संचार के सभी माध्यमों को खुला रखा है, क्योंकि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।
मतभेद दूर करना की कोशिश में अमेरिका
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि चीन ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अमेरिका का सहयोग बंद कर दिया है जो पूरी दुनिया को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन हमेशा की तरह चीन से खुला और प्रभावी संचार के लिए तैयार है, ताकि दोनों देशों के बीच के मतभेद दूर हो सकें। अमेरिका ने कहा कि चीन की तरफ से जरूरी मुद्दों पर बातचीत बंद कर दिया गया है। चीन अमेरिका का सहयोग करने के लिए तैयार नहीं है।
अमेरिका 'वन नेशन पॉलिसी' नीति के खिलाफ
बता दें कि 23 अगस्त को अमेरिकी विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी राजदूत किन गैंग के बीच बैठक के बाद अमेरिका की ओर से यह बात रखी गई है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और ताइवान के बीच स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका शांत और दृढ़ कदम उठा रहा है। हालांकि, अमेरिका अब भी चीन के 'वन नेशन पॉलिसी' के खिलाफ ताइवान का समर्थन करता है।
अमेरिका से नाराज है चीन
गौरतलब है कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन अमेरिका पर भड़का हुआ है। पिछले हफ्ते इंडियाना के गवर्नर एरिक होलकोम्ब के ताइवान दौरे पर भी चीन ने नाराजगी जताई थी। नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह दूसरी ताइवान यात्रा थी। चीन ने इसपर कहा कि अमेरिका जिस तरह से ताइवान को मोहरा बनाकर इस्तेमाल कर रहा है, वह इनकी जहरीली प्रवृत्ति को दर्शाती है।