नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद (Russia-ukraine Crisis) अब काफी बढ़ गया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुगंस्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. इसको लेकर अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मीटिंग हो रही है. इस मीटिंग में अमेरिका ने कहा कि वह मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के स्पष्ट उल्लंघन के लिए और रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए रूस के खिलाफ और सख्त कदम उठाएगा. मीटिंग में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, 'हम और हमारे सहयोगी स्पष्ट हैं कि यूक्रेन पर और आक्रमण करने के लिए रूस पर कड़े फैसले लिए जाएंगे. इस समय कोई भी किनारे पर खड़ा नहीं हो सकता.'
यूएनएससी की इमरजेंसी मीटिंग में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, "यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर रूस का स्पष्ट हमला अकारण है. यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य के रूप में यूक्रेन की स्थिति पर हमला है. यह अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.' अमेरिका के अलावा इस मीटिंग में ब्रिटेन ने भी रूस के प्रति कठोर रुख जाहिर किया और कहा कि रूस को अपना वह फैसला वापस लेना चाहिए जिसमें यूक्रेन के दो हिस्सों को अलग देश के रूप में मान्यता दी गई है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने रूस-यूक्रेन संकट पर यूएनएससी की आपात बैठक में भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा, "रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर होने की संभावना है." भारत ने कहा, "हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं. हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. हमें उन पक्षों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है जो तनाव को दूर करना चाहते हैं.'