जंग की तैयारी में जुटा अमेरिका, समुद्र में फिर आया भूकंप, चिंतित हुए चीन और रूस

बता दें कि युद्ध के दौरान दुश्मन के हमलों से बचने के लिए ऐसे परीक्षणों का आयोजन कर अपनी ताकत की जांच की जाती है।

Update: 2021-08-11 10:59 GMT

अमेरिका और चीन के तनाव के मध्‍य अमेर‍िकी नौसेना दुनिया के सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट करियर यूएसएस गोल्‍ड के पास तीसरी बार बड़ा विस्‍फोट किया है। यह धमाका इतना जबरदस्‍त था कि समुद्र के आस-पास का इलाका हिल गया। समुद्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्‍टर पैमाने पर 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। आखिर अमेरिकी नौसेना ने तीसरी बार इतना बड़ा विस्‍फोट क्‍यों किया। इस धमाके के पीछे अमेरिका क्‍या मकसद है। धमाके की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार समुद्र में 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।

चीन और रूसी नौसेना को दे रहा है चुनौती
प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि यह विस्‍फोट अमेरिका के समुद्री जंग की तैयारी का एक प्रस्‍तुतिकरण है। उन्‍होंने कहा कि ज‍िस तरह से दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन अपने प्रभुत्‍व का प्रयास कर रहा है। काला सागर में रूस से चुनौती मिल रही है। ऐसे में अमेरिका का यह कदम प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष चीन और रूस के समक्ष अपनी नौसेना की शक्ति का प्रदर्शन है। अमेरिका इस तरह के परीक्षण करके चीन और रूस पर समान रूप से दबाव बना रहा है। अमेरिकी नौसेना के इस शक्ति प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि यदि उसके समुद्री हितों में कहीं भी कोई रोड़ा बनता है तो उसे अमेरिका के इन बड़े विस्‍फोटों से गुजरना होगा।
एयरक्राफ्ट करियर के युद्धक क्षमताओं की जांच कर रहा है US
धमाके से पैदा हुई शॉक के कारण 333 मीटर लंबा और 1 लाख टन डिस्प्लेसमेंट वाला यह एयरक्राफ्ट कैरियर बुरी तरह से कांपने लगा। यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड के पास कुल तीन शॉक ट्रायल किए गए हैं। अमेरिकी नौसेना इस एयरक्राफ्ट करियर के युद्धक क्षमताओं की जांच की जा रही है। प्रत्येक विस्फोट पहले वाले से कम दूरी पर किया गया है। इसके बाद नौसैनिक पूरे एयरक्राफ्ट कैरियर के हर उपकरणों की जांच की जा रही है। बता दें कि युद्ध के दौरान दुश्मन के हमलों से बचने के लिए ऐसे परीक्षणों का आयोजन कर अपनी ताकत की जांच की जाती है।


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