अमेरिका ने चीन को दिया एक और झटका, Comac को किया ब्लैकलिस्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदाई से पहले चीन को जोर का झटका दिया है

Update: 2021-01-15 12:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदाई से पहले चीन को जोर का झटका दिया है, जिसका सीधा असर अमेरिका और चीन के संबंधों पर पड़ना तय है. ट्रंप प्रशासन ने चीन की कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्प जिसे COMAC के नाम से भी जाना जाता है, उस पर चीनी सेना के साथ संबंधों का आरोप लगाकर उसे बैन कर दिया है. दरअसल अमेरिकी रक्षा विभाग की एक लिस्ट सामने आई हैं जिसमें चीनी सेना और COMAC के संबंधों का जिक्र किया गया है.


बढ़ जाएंगी COMAC की दिक्कत
ये लिस्ट ऐसे वक्त पर सामने आई है जब हाल ही में इंडोनेशियन एयरलाइंस ने कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्प से जहाज खरीदने को मंजूरी दी थी. अगर अमेरिका (US) के भावी राष्ट्रपति जो बाइडेन ट्रंप प्रशासन के फैसले को नहीं बदलते हैं तो अमेरिकी निवेशक बैन के चलते COMAC में हिस्सेदारी नहीं नहीं खरीद पाएंगे, इतना ही नहीं नवंबर 2021 तक निवेशकों के पास जो भी शेयर हैं उन्हें बेचना भी उनकी मजबूरी होगी. वैसे इस बैन का असर दोनों देशों के बाजार पर पड़ेगा, इसकी संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं.

नहीं पड़ेगा कोई असर-COMAC

ट्रंप के इस फैसले का कोई असर COMAC पर नहीं पड़ेगा ऐसा दावा COMAC के प्रवक्ता ने किया है क्योंकि COMAC पब्लिक सेक्टर की कंपनी नहीं है लेकिन COMAC शेयरहोल्डर एविएशन इंडस्ट्री पर इसका असर पड़ेगा ये तय माना जा रहा है. इस पूरे मामले पर एविएशन एक्सपर्ट शुकोर यूसुफ ने कहा है कि अमेरिका के फैसले का असर COMAC पर जरूर पड़ेगा क्योंकि COMAC को जेट इंजन और दूसरे पार्ट्स के लिए अमेरिका पर निर्भर रहना पड़ता है.
चीन के पास क्षमता का अभाव

इसके अलावा शुकोर यूसुफ ने ये भी कहा है कि चीन के पास उतनी क्षमता नहीं है कि वो बिना अमेरिकी मदद के COMAC को जरूरी पार्ट्स उपलब्ध करा सके लिहाजा COMAC को अमेरिका पर निर्भर रहना ही पड़ेगा. COMAC का C-919 बोइंग का 737 मॉडल और एयरबस का A-320 पार्ट बना रहा है लेकिन अभी वो टेस्टिंग फेज़ में है.

वाशिंगटन के सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक C-919 के 60 फीसदी पार्ट की सप्लाई अमेरिका से ही आती है. इंजन के महत्वपूर्ण पार्ट भी अमेरिका से ही आते हैं, ऐसे में COMAC के C-919 के पूरे होने में दिक्कतें आना तय है. फर्ग्युसन का मानना है कि अमेरिका जब तक इस फैसले पर रहेगा COMAC के C-919 को पूरा कर पाना मुश्किल ही होगा.

इससे पहले चीन की सरकारी तेल कंपनी चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्प को अमेरिका ने दिसंबर में ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था क्योंकि CNOOC का सेना से रिश्तों का खुलासा हो गया था जिसके बाद चीन में लगातार हड़कंप का माहौल है.

हांगकांग बेस्ड चाइना एयरक्राफ्ट लीजिंग ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड ने चीन को COMAC प्लेन पूरे करने में मदद का भरोसा दिया है हालांकि चाइना एयरक्राफ्ट ने ट्रांसनुसा के वाइस चेयरमैन लियो बडीमैन के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है जिसमें बडीमैन ने कहा था कि COMAC के ब्लैकलिस्ट होने से करियर प्लेन्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


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