दुनिया के सामने पहली बार आई मक्‍का से काबा के काले पत्‍थर की अद्भुत तस्‍वीर

कई हदीसों में इस पत्‍थर को जीवित बताया गया है। हज पर जाने वाले इस पत्‍थर को चूमकर खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं।

Update: 2021-05-05 05:55 GMT

सऊदी अरब सरकार ने पहली बार दुनियाभर के मुस्लिमों के पवित्र धर्मस्‍थल मक्‍का के प्राचीन काले पत्‍थरों की अद्भुत तस्‍वीरें दुनिया के सामने पेश की हैं। अल-हजर अल-असवाद या काले पत्‍थर की ये तस्‍वीरें 49 हजार मेगाप‍िक्‍सल की हैं। सऊदी अरब की शाही मस्जिद और पैगंबर मस्जिद की ओर से जारी इन तस्‍वीरों को खींचने और बनाने में 50 घंटे लगे।

इस दौरान कुल 1050 फोटो लिए गए और प्रत्‍येक फोटो 160 गीगाबाइट का था। पत्‍थर की फोटो खींचने में ही 7 घंटे लग गए। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्‍सफोर्ड के इस्‍लामिक अध्‍ययन मामलों के शोधकर्ता अफीफी अल अकीती ने कहा, 'यह महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि यह अप्रत्‍याशित है।' उन्‍होंने कहा कि तस्‍वीरों को देखकर लग रहा है कि यह वास्‍तव में काला नहीं है। ऐसा पहली बार है कि छोटे से काले पत्‍थर की हर चीज को बड़ा करके डिज‍िटल तस्‍वीर सामने आई है।
49 हजार मेगाप‍िक्‍सल में ऐसे द‍िखा काला पत्‍थर
काले पत्‍थर को चूमते हैं मुसलमान
दुनियाभर के मुसलमानों के लिए मक्‍का आध्‍यात्मिक केंद्र है। मुस्लिम समुदाय में अगर किसी ने जन्‍म लिया है तो उसके लिए जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा पर जाना अनिवार्य माना जाता है। मुस्लिमों के पवित्र धर्मस्‍थल काबा पहुंचकर हज यात्री परिक्रमा करते हैं और काबा के पूर्वी कोने में लगे काले पत्‍थर को चूमते हैं। यह पत्‍थर देखने में भले ही छोटा है लेकिन इसका बहुत महत्‍व है। यह पत्‍थर चारों ओर से चांदी के फ्रेम में जड़ा हुआ है।
ऐसा कहा जाता है कि यह काला पत्‍थर धरती पर आया धूमकेतु है। कुछ अन्‍य मान्‍यताओं में इसे चांद का टुकड़ा भी बताया जाता है। रोचक बात यह है कि काबा के जिस काले पत्‍थर को सबसे पवित्र माना जाता है, उसका जिक्र कुरआन में नहीं है। इसके पीछे यह धारणा है कि पैगंबर मोहम्‍मद साहब के धरती पर से जाने के बाद यह काला पत्‍थर अस्तित्‍व में आया। हालांकि हदीस में इस काले पत्‍थर का जिक्र किया गया है। कई हदीसों में इस पत्‍थर को जीवित बताया गया है। हज पर जाने वाले इस पत्‍थर को चूमकर खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं।


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