वैज्ञानिकों का कमाल, बनाया जादुई बुलबुला, पूरे 465 दिन बाद जाकर फूटा

वैज्ञानिकों का कमाल

Update: 2022-01-26 14:45 GMT
बुलबुले देखने में जितने खूबसूरत होते हैं, उतने ही नाज़ुक भी होते हैं. बुलबुला जितना ही बड़ा होता है, उतनी ही कम होती है उसकी उम्र. हालांकि वैज्ञानिकों ने कमाल (Scientists Create Strong Bubble) करते हुए एक ऐसा जादुई बुलबुला (Magical Bubble Lasted 465 days) तैयार किया है, जो साल भर से ज्यादा वक्त तक टिकता है. सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी (Bubble Popped After 465 Days) लेकिन 100 फीसदी सच है ये जादुई बुलबुला.
साबुन के बुलबले जहां कुछ सेकेंड्स में फूट जाते हैं, वहीं इन्हें सावधानी के साथ बनाया जाए तो ये कुछ मिनट तक भी टिक जाते हैं. इसके पीछे ग्रैविटेशनल ड्रेनेज (gravitational drainage) का विज्ञान काम करता है, यानि बुलबुले के अंदर की गैस साबुन के मेम्बरेन का साथ डिफ्यूज़ हो जाती है और खूबसूरत का बुलबुला फूटकर हवा में बिखर जाता है. हालांकि वैज्ञानिकों ने एक स्थाई बुलबुला तैयार किया है, जो साल भर आसानी से टिक सकता है.
1 साल 10 दिन तक टिका बुलबुला !
फ्रांस में मौजूद यूनिवर्सिटी ऑफ लिले (University of Lille, France) के वैज्ञानिकों बुलबुले के नाजुक और भंगुर होने पर स्टडी कर रहे थे. आखिरकार उन्होंने एक ऐसा बुलबुला (Magical Bubble Lasted 465 days) तैयार कर लिया, जो अपने आकार-प्रकार के साथ सालभर से ज्यादा समय तक टिका रहा. बुलबुला बनाने की टीम को भौतिकशास्त्री आयमेरिक रॉक्स लीड कर रहे थे. उन्हें गैस मार्बल नाम की कोई चीज़ तैयार की, जो पानी के साथ मिलाकर छोटे नायलॉन पार्टिकल बना रही थी. इस लिक्विड के बुलबुले वातावरण में कुछ मिनट या फिर एक घंटा टिक सके. जिसके बाद उत्साहित टीम ने ग्लिसेरॉल, रंगहीन, गंधहीन, वेस्कॉस लिक्विड और कुछ फार्मा प्रोडक्ट्स को गैस मार्बल्स के साथ मिलाया और एक ऐसा जादुई बुलबुला तैयार किया, वो पूरे 1 साल और 10 दिन तक टिका.
क्यों इतना लंबा टिका जादुई बबल ?
टीम के मुकाबिर ग्लेसरॉल बुलबुले की उम्र बढ़ाने के लिए सबसे अहम तत्व था. जिस वाष्पीकरण की वजह से बुलबुला फूटता है, उसे इसने कम किया और हवा की नमी को सोखा. लिक्विड में मौजूद प्लास्टिक पार्टिकल्स ने इसमें से पानी के बहने को भी रोक दिया, ऐसे में बुलबुला ज्यादा देर तक वैसा ही बना रहा. अब तक किसी ने भी कोई बुलबुला 465 दिन तक टिकते हुए नहीं देखा था, यानि ये विज्ञान का चमत्कार ही है.
Tags:    

Similar News

-->