अमेरिका और उसके सहयोगियों के सैनिकों की वापसी के बाद कतर का विमान काबुल से 200 विदेशी नागरिकों को लेकर पहुंचा दोहा
तालिबान के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने निभाई अहम भूमिका
काबुल, एपी। अगस्त में अमेरिका और उसके सहयोगियों के सैनिकों की वापसी के बाद गुरुवार को करीब 200 विदेशी नागरिकों को लेकर पहला विमान काबुल से उड़ा। इस विमान में कई अमेरिकी नागरिक भी थे। इसे अमेरिका और अफगानिस्तान की नई सरकार के बीच बने तालमेल का नतीजा माना जा रहा है। तालिबान नेताओं ने कहा था कि विदेशी नागरिकों और वैध दस्तावेजों के साथ अफगान नागरिकों को विदेश जाने दिया जाएगा लेकिन जब कई दिन काबुल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू नहीं हुईं तो अंतरराष्ट्रीय जगत को शंका पैदा होने लगी।
तालिबान के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने निभाई अहम भूमिका
गुरुवार को 30 अगस्त के बाद पहली बार कतर एयरवेज के विमान से यात्री दोहा पहुंचे। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि ग्रीन कार्ड होल्डर अमेरिकी नागरिकों के अलावा जर्मनी, हंगरी और कनाडा के नागरिक इस विमान में थे। बताया गया है कि तालिबान के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशियों की रवानगी में अहम भूमिका निभाई। पहले यात्री विमान की रवानगी की प्रक्रिया तालिबान के अधिकारियों की निगरानी में पूरी हुई।
एयरपोर्ट पर पुराने कर्मचारी लौटे
इस दौरान स्निफर डाग के जरिये सामान की जांच भी हुई। एयरपोर्ट के कुछ पुराने कर्मचारी भी काम पर लौट आए हैं। उन्होंने भी यात्रियों को एयरपोर्ट से रवाना होने में सहयोग दिया। अफगान मूल का 12 साल का इरफान पोपलजई भी अपनी मां और पांच भाई-बहनों के साथ विमान से रवाना हुआ। उसका परिवार अमेरिका के मैरीलैंड इलाके में रहता है। इरफान अमेरिका के लिए रवाना होने को लेकर बहुत खुश था।
काबुल एयरपोर्ट विमानों के आवागमन के लिए तैयार
इससे पहले कतर के अधिकारियों के दल ने घोषणा की कि काबुल एयरपोर्ट विमानों के आवागमन के लिए तैयार है। 30 अगस्त को अमेरिकी सैनिकों के हवाई अड्डा छोड़ने के बाद वहां पर अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी और वहां विमानों का आवागमन ठप हो गया था।
200 अन्य विदेशी नागरिकों की भी होगी निकासी
इसके बाद अमेरिका और तालिबान आपसी संवाद के जरिये कतर के अधिकारियों और कर्मचारियों के जरिये एयरपोर्ट की गतिविधियां सामान्य करने पर सहमत हुए। एक विदेशी राजनयिक के अनुसार एक-दो दिन में करीब 200 अन्य विदेशी नागरिकों के काबुल से रवाना होने की संभावना है।
सरकार में भागीदारी न मिलने पर विरोध
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार अफगानिस्तान में नई बनी सरकार में ज्यादातर मंत्री पश्तून समुदाय के हैं। लेकिन इसमें किसी भी महिला की भागीदारी नहीं है। इसके विरोध मंें इन दिनों काबुल में महिलाओं के प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी हिस्सा लिया। ये प्रदर्शन आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के हमले की आशंका के बीच हुए हैं।
आकर काम करें पूर्व सरकार के अधिकारी
प्रेट्र के अनुसार अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद ने सभी पूर्व सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से कार्यालयों में आकर कामकाज संभालने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि तालिबान सरकार सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा देगी। यह बात देश में आंतरिक युद्ध के बाद की बदहाली दूर करने की जरूरत के चलते कही गई है।